होम / मीडिया फोरम / लंदन के भारतीय दूतावास की लाइब्रेरी में रखी जाएगी इस टीवी पत्रकार की किताब
लंदन के भारतीय दूतावास की लाइब्रेरी में रखी जाएगी इस टीवी पत्रकार की किताब
वरिष्ठ टीवी पत्रकार दिनेश कांडपाल ने हाल ही में लिखी अपनी किताब ‘पराक्रम’ को लेकर ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायुक्त से मुलाकात की है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
भारतीय टीवी मीडिया के सितारे दिनेश कांडपाल के लिए नया संवत लंदन की जमीन से अच्छी खबर लेकर आया है। अल्मोड़ा जिले में चौखुटिया के रहने वाले वरिष्ठ टीवी पत्रकार दिनेश कांडपाल ने हाल ही में लिखी अपनी किताब ‘पराक्रम’ को लेकर ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायुक्त से मुलाकात की है। लगभग 40 मिनट तक चली इस मुलाकात में उन्होंने पुस्तक को लेकर उन्हें विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उन्हें अपनी किताब भी भेंट की।
पराक्रम किताब के लेखक और गेवाड़ घाटी के सपूत दिनेश कांडपाल इन दिनों अपनी लंदन यात्रा पर हैं। वहां उन्होंने 5 अप्रैल को अपनी किताब पराक्रम को लेकर भारतीय उच्चायुक्त H.E. विक्रम दोराईस्वामी और डिफेंस एडवाइजर ब्रिगेडियर विक्रमजीत सिंह गिल से मुलाकात की। इस दौरान दिनेश कांडपाल ने अपनी चर्चित किताब ‘पराक्रम’ उन्हें भेंट की। भारतीय सेना की शौर्य गाथा ऊपर लिखी इस किताब को लंदन स्थित भारतीय दूतावास की लाइब्रेरी में रखा जाएगा। इस किताब को लेकर लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में वरिष्ठ टीवी पत्रकार दिनेश कांडपाल को उनकी किताब ‘पराक्रम’ के लिए दोनों महत्वपूर्ण व्यक्तियों से भरपूर सराहना भी मिली।
लंदन में घोर व्यस्तता के बावजूद ना केवल उच्चायुक्त ने दिनेश कांडपाल के साथ मुलाकात का समय निकाला, बल्कि भारतीय सेना के पराक्रम से जुड़ी कुछ ऐसी बातें हुईं जिन्हें सुनकर रोंगटे खड़े हो गए। उच्चायुक्त ने भी उनसे मिलने के लिए पहले मात्र 15 मिनट का समय तय किया था लेकिन किताब की रोचक बातों में ये मुलाकात 45 मिनट तक चली।
उच्चायुक्त ने किताब के बारे में जानकर ये कहा कि इस किताब को ब्रिटेन में उनके उचचायोग की लाइब्रेरी में भी रखा जाएगा, जिससे यहां आने वाले भी हमारे देश के जवानों के उस पराक्रम के बारे में जान सके जिसे वो शायद कहीं और नहीं जान पाते।
आपको बता दें कि इस समय लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग सुर्खियों में है। जिस तरह से खालिस्तानियों ने वहां प्रदर्शन के दौरान हिंसा की और उसके बाद भारत ने भी दिल्ली स्थित ब्रिटिश दूतावास से अपनी अतिरिक्त सुरक्षा को हटा लिया था उसने इस मामले को और गंभीर बना दिया था। लेकिन अब उच्चायोग में ब्रिटिश सुरक्षाकर्मी तैनात हो चुके हैं।
टैग्स किताब दिनेश कांडपाल पराक्रम