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महात्मा गांधी की पत्रकारिता पर पत्रकार से लेकर आमजन ने रखी अपनी बात
समाचार4मीडिया ब्यूरो जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा प्रकाशित भारत के प्रथम समाचार पत्र बंगाल गजट के स्थपना दिवस (30 जनवरी) पर आयोजित मीडिया गोष्ठी में महात्मा गांधी एक पत्रकार के रूप में विषय पर चर्चा हुई। विषय प्रवर्तन करते हुए ब्रज खण्डेलवाल ने कहा कि जेम्स हिक्की ने भारत में एक जुझारू, जोशीली और लड़ाकू पत्रकारिता की नींव
समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा प्रकाशित भारत के प्रथम समाचार पत्र बंगाल गजट के स्थपना दिवस (30 जनवरी) पर आयोजित मीडिया गोष्ठी में महात्मा गांधी एक पत्रकार के रूप में विषय पर चर्चा हुई। विषय प्रवर्तन करते हुए ब्रज खण्डेलवाल ने कहा कि जेम्स हिक्की ने भारत में एक जुझारू, जोशीली और लड़ाकू पत्रकारिता की नींव रखी। भारतीय मीडिया आज भी वही परम्पराओं को निभाते हुए सत्ता प्रतिष्ठान के खिलाफ विपक्ष की भूमिका निभा रहा है। महात्मा गांधी की लगभग 50 वर्षों की पत्रकारिता जो उन्होंने इंडियन ओपिनियन, यंग इंडियन, नवजीवन और हरिजन के माध्यम से की, वो भी राजनैतिक बगाबत और सामाजिक बुराइयों पर निरंतर हमला था। गांधी जी ने पत्रकारिता को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया और अपने सत्याग्रह के आंदोलन को धार देने के लिए उपयोग किया। इस अवसर पर शिव प्रताप सिंह ने कहा की गांधी जी ने लगभग हर विषय पर लिखा और अपना दृष्टिकोण लोगों तक पहुँचाया। सचिन सैनी ने कहा की गांधी जी ने लिखा था "मैंने पत्रकारिता को एक मिशन के रूप में लिया है उन उद्देश्यों की पूर्ती के लिए जिनको में जरूरी समझ ता हूँ और जो सत्याग्रह, अहिंसा व् सत्य के अन्वेषण पर टिकी हैं।" धीरज शुक्ल ने कहा की महात्मा गांधी के साप्ताहिक पत्रों में 75 प्रतिशत कंटेंट उनका खुद का था। उनके सारे पत्र उनकी सामाजिक और राजनैतिक विचारधारा को प्रतिबिंबित करते हैं। ललित शर्मा ने कहा की गांधी जी की लेखनी दिल को छू लेने वाली थी. वो पत्रकारिता में इतने गहरे डूबे थे की अगर वो राजनीती में न होते तो जरूर किसी बड़े अख़बार के संपादक होते। अंकित सिंह ने कहा की गांधी जी के विचारों से देश का कोई समाचार पत्र अछूता नहीं रहा। उनकी लेखन शैली पर वकालत का पूरा असर था, जिस तरह वो बहस करते और तथ्यों को प्रस्तुत करते थे। अमीन उस्मानी ने कहा कि गांधी जी के विचार, उनका सोच स्पष्ट था, कोई कन्फूजन नहीं था, जो उनकी भाषा और शैली में साफ़ दीखता है। अजय शर्मा ने कहा की पारदर्शिता तथा ईमानदारी गांधी जी की लेखनी की बड़ी शक्ति थे। आम आदमी से जुड़ाव और सड़क के आदमी के स्तर पर सम्बाद, ये था गांधी जी की पत्रकारिता का स्टाइल..। सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण भारती ने कहा की गांधी जी शब्द की ताकत को बखूबी पहचानते थे इसलिए बड़ी सावधानी से लिखते थे। अपनी लेखनी से वो लोगों को आंदोलन के लिए प्रेरित करते थे. एक मास लीडर ने मास कम्युनिकेशन के महत्व और उनके टेक्निक्स का पूरा फायदा उठाया। आगरा के गोवेर्धन होटल में ब्रज मंडल हेरिटेज कंजर्वेशन सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सर्वश्री राजीव सक्सेना, अंशु पारीक, श्रवण भारती, शिव प्रताप सिंह, सचिन सैनी, धीरज शुक्ल, अंकित सिंह, विशाल तिवारी, ललित शर्मा, अमीन उस्मानी, महेंद्र पल सिंह, अनुज शर्मा, मोहन श्याम चौधरी, अजय शर्मा आदि ने भाग लिया।
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