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मीडिया में आने वाले नए युवा पत्रकारों के 'मन की बात', पढ़ें यहां...
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। टीवी एंकर और रिपोर्टर बनने की चाहत लिए हुए ही अधिकतर विद्यार्थी पत्रकारिता की पढ़ाई करते हैं। बहुत ही कम विद्यार्थी होते हैं, जो अखबार में काम करना चाहते हैं। विश्वविद्यालयों, सरकारी और निजी संस्थानों में मीडिया प्रशिक्षण की बदलती प्रवृत्तियों के विश्लेषण के उद्देश्य से कराए गए शोध मे
समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। टीवी एंकर और रिपोर्टर बनने की चाहत लिए हुए ही अधिकतर विद्यार्थी पत्रकारिता की पढ़ाई करते हैं। बहुत ही कम विद्यार्थी होते हैं, जो अखबार में काम करना चाहते हैं। विश्वविद्यालयों, सरकारी और निजी संस्थानों में मीडिया प्रशिक्षण की बदलती प्रवृत्तियों के विश्लेषण के उद्देश्य से कराए गए शोध में सामने आया है कि महज 12.83 फीसदी विद्यार्थी ही अखबार में काम करना चाहते हैं। मीडिया स्टडीज ग्रुप के अध्यक्ष अनिल चमड़िया के निर्देशन में कराए गए सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि छात्र-छात्राओं का रुझान मीडिया संस्थान शुरू करने या चलाने के बजाय नौकरी करने में ज्यादा दिखता है। पत्रकारिता में आने वाले ज्यादातर छात्र-छात्राएं ऐसी पृष्ठभूमि से हैं, जिनके माता-पिता निजी और सरकारी नौकरी करते हैं। व्यवसाय करने वाले परिवारों से पत्रकारिता में आने वाले छात्र-छात्राओं का फीसद कम है। इस सर्वेक्षण में दिल्ली विश्वविद्यालय के 209 छात्र, जामिया मिलिया इस्लामिया के 40 और शारदा विश्वविद्यालय के 54 छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि पत्रकारिता की ओर उनका झुकाव कॅरियर के रूप में कब उभरकर सामने आया तो 39.91 फीसदी छात्रों ने कहा कि उन्हें इस क्षेत्र में आने के लिए टीवी एंकर और रिपोर्टरों ने प्रेरित किया। 20.30 फीसदी छात्रों ने नाम कमाने के लिए इस पेशे को चुना। 4.92 फीसदी छात्रों ने नौकरी मिलने की उम्मीद में इस क्षेत्र का चुनाव किया और 7.38 फीसदी छात्रों ने पत्रकारिता को इसलिए चुना क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों या जान-पहचान के लोगों ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया। पत्रकारिता में आने वाले छात्र-छात्राओं में से 55.76 फीसदी छात्र अपने स्कूल के समय में डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, प्रबंधक, राजनीतिज्ञ, वकील, शिक्षक या उद्योगपति बनना चाहते थे लेकिन उनकी आकांक्षाएं पूरी नहीं हो सकीं तो उन्होंने पत्रकारिता को विकल्प के रूप में चुना। सिर्फ 44.20 फीसदी छात्रों ने ही पत्रकार बनने का लक्ष्य रखा था। शोध में यह बात भी सामने आई कि मीडिया प्रशिक्षण देने वाले सरकारी संस्थानों के मुकाबले निजी संस्थानों की फीस ज्यादा है। 17.82 फीसदी छात्रों ने एक लाख 25 हजार से लेकर एक लाख 75 हजार रुपये तक का भुगतान किया। ये छात्र निजी संस्थानों के थे। जबकि सरकारी संस्थानों के 39.27 फीसदी छात्रों ने फीस के तौर पर पांच हजार से 15 हजार रुपये तक का भुगतान किया। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुकपेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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