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तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड से सम्मानित हुए जेल के कैदी
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। इस साल का पहला ‘तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड’ करीब दो साल से जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद 35 साल के राधा मोहन कुमावत को दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार उनकी कविता ‘चाहत’ के लिए दिया गया। इंडिया टुडे के संपादक अंशुमान तिवारी ने उन्हें यह अवॉर्ड दिया। यह अवॉर्ड राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर दिए गए। इस प
समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। इस साल का पहला ‘तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड’ करीब दो साल से जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद 35 साल के राधा मोहन कुमावत को दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार उनकी कविता ‘चाहत’ के लिए दिया गया। इंडिया टुडे के संपादक अंशुमान तिवारी ने उन्हें यह अवॉर्ड दिया। यह अवॉर्ड राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर दिए गए। इस पुरस्कार की घोषणा तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड की संस्थापक, संयोजक और जेल सुधार विशेषज्ञ वर्तिका नन्दा ने की। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों का मकसद कड़ी सलाखों के बीच इन बंदियों के लिए उम्मीद के चिराग को स्थापित करना है ताकि सजा के बीच रौशनी भी रहे, सृजन भी और मानवीयता भी। वर्तिका नन्दा देश की जानी-मानी पत्रकार और जेल सुधार विशेषज्ञ हैं। दूसरा पुरस्कार गुजरात के शहर सूरत की जेल में बंदी वीरेन्द्र विट्ठल भाई वैष्णव को दिया गया है। वह पेशे से पत्रकार रहे हैं और कार्टूनिस्ट भी। उनकी कविता का शीर्षक था- this is my right (यह मेरा अधिकार है)। यह कविता उन तमाम बंदियों के दर्द का जीवंत दस्तावेज हैं जो बेहद ढीली और पेचीदा न्यायिक प्रक्रिया में जकड़े हुऐ हैं। तीसरा पुरस्कार अहमदाबाद जेल में बंद प्रणव गोविंदभाई पटेल को उनकी कविता द डेज़ आर डार्क को दिया गया गया है। यह कविता अंधेरे में भी उजाले और दैविक न्याय की बात कहती है। इन पुरस्कारों को इंडिया टुडे के संपादक अंशुमान तिवारी ने रिलीज किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वर्तिका नन्दा ने बेहद निकृष्ट और निषिद्ध माने जाने वाली संस्था में जाकर एक बेहद नए काम को कर अचंभे में डाला है। जेल के अंदर जाकर जेल की रचनात्मकता को खोज कर उन्होंने बहुत प्रभावी और प्रशंसनीय काम किया है। इन पुरस्कारों का ऐलान देश के जाने-माने संस्थान सिविल सर्विसिज ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में एक सादे समारोह में किया गया। यह अवॉर्ड तीन वर्गों में बांटा गया, जिसमें कविता, गद्य और चित्रकारी शामिल है। विशेष पुरस्कार जयपुर जेल में बंदी हनुमान सहाय को उनकी कविता नया बंदी और जिंदगी के लिए दिया गया है। यह कविताएं जेल के सफर और नए बंदी के लिए खुद को सुधार पाने की कोशिश पर लिखी गई है। सांत्वना पुरस्कार गुजरात के शहर जूनागढ़ की जेल में बंदी प्रवीणभाई मगनभाई मकवाना को उनकी कविता पावर ऑफ थॉट्स के लिए दिया गया है। पेंटिंग और कला के लिए इस साल का पहला तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड उत्तर प्रदेश के शहर आगरा की जेल में बंदी बंटी उर्फ फिरोज उर्फ सिंकदर को दिया गया है। दूसरा पुरस्कार उत्तर प्रदेश के शहर बाराबंकी में कैद 28 साल के विचाराधीन बंदी अरविंद कुमार की उस कलाकृति को दिया गया है जो उसने कोयले से बनाया है। तीसरा पुरस्कार जयपुर की जेल में बंदी देव किशन को जंतर मंतर के चित्र पर दिया गया है। पेंटिंग मे विशेष पुरस्कार बाराबंकी की जेल में आजीवन कारावास पर बंदी 24 साल के दिलीप कुमार को कोयले से बनाए मरुस्थल के चित्र को दिया गया है। एक और विशेष पुरस्कार गुजरात की राजधानी अहमदाबाद की जेल में बंदी घनश्यामसिंह वी को मदर टेरेसा पर बनाई एक तस्वीर पर दिया गया है। अहमदाबाद सेंट्रल जेल में बंदी नरेंद्र सिंह को महात्मा गांधी पर बनाए उनके चित्र पर सांत्वना पुरस्कार दिया गया है। गद्य लेखन में विशेष पुरस्कार चंडीगढ़ की मॉडल जेल में बंदी मनजीत सिंह चौहान को उनकी किताब – द स्टोरी ऑफ अवेकनिंग ऑफ माई सोल – के लिए दी गई है। पटियाला के निवासी चौहान चंडीगढ़ में आजीवन कारावास पर हैं।
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