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युद्ध और उसके बाद सैनिकों व परिजनों के भावनात्मक पहलुओं को बखूबी उकेरती है ‘Nation First’
लेखिका शिखा अखिलेश सक्सेना ने अपनी इस किताब में कारगिल युद्ध में शहीद हुए देश के जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही उनके परिजनों और युद्ध में घायल जवानों के दर्द और अनुभवों को शब्दों में पिरोया है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
कारगिल युद्ध को दो दशक से ज्यादा हो चुके हैं। इस युद्ध में भारत को मिली शानदार जीत का वर्णन और उससे जुड़ी तमाम स्टोरीज का बखान आज भी बड़े गर्व के साथ किया जाता है। इन सबके अलावा भी कुछ ऐसा है, जो विस्तृत रूप में सामने नहीं आ पाता है। जैसे-युद्ध के दौरान और उसके बाद सैन्य परिवारों का जीवन कितना प्रभावित होता है, इस पर बहुत कम ही चर्चा देखने को मिलती है। ऐसे में कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का परचम लहराने वाले आर्टिलरी ऑफिसर कैप्टन अखिलेश सक्सेना की पत्नी शिखा अखिलेश सक्सेना ने ‘नेशन फर्स्ट’ (Nation First) नाम से किताब लिखी है। शिखा अखिलेश सक्सेना ने अपनी इस किताब में विस्तार से बताया है कि युद्ध के दौरान और उसके बाद सैन्य परिवारों को अपने जीवन में किस तरह की उथल-पुथल का सामना करना पड़ता है। शिखा अखिलेश सक्सेना ने न सिर्फ अपने बल्कि अखिलेश सक्सेना के उन अनुभवों को भी काफी बारीकी से इस किताब में जगह दी है, जिनसे इस युद्ध के दौरान और इसके बाद के हालातों से उन्हें दो-चार होना पड़ा।
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सेवानिवृत्त) जनरल वी.पी मलिक के मुख्य आतिथ्य में चार जून 2023 को दिल्ली छावनी स्थित मानेकशॉ सेंटर के अशोका ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में इस किताब का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में ‘आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन’ (AWWA) की अध्यक्ष (सेवानिवृत्त) श्रीमती डॉ.रंजना मलिक, एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) बीरेंद्र सिंह धनोआ, ‘बिजनेसवर्ल्ड’ समूह के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ समूह के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा, ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) के पूर्व चेयरमैन एस. रवि और वरिष्ठ टीवी पत्रकार बरखा दत्त को गेस्ट ऑफ ऑनर दिया गया। 240 पेज की इस किताब को ‘Hachette India’ ने पब्लिश किया है।
बुक लॉन्चिंग के मौके पर शिखा अखिलेश सक्सेना का कहना था कि किताब में शामिल विस्तृत संस्मरण भारतीय सैनिकों की असीम वीरता को भी दर्शाता है। इसमें युद्ध के दौरान और उसके बाद सैन्य परिवारों द्वारा किए गए अनुभव और उनके अंदर की भावनात्मक उथल-पुथल को भी शब्दों में पिरोया गया है। दरअसल, नेशन फर्स्ट ऐसे धैर्यवान, दृढ़ संकल्पित और वीर देशक्तों की कहानी है, जो देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं। शिखा अखिलेश सक्सेना ने बताया कि इस किताब के माध्यम से उन्होंने युद्ध में शहीद हुए देश के जाबांजों को श्रद्धांजलि भी दी है।
इस कार्यक्रम में डॉ. अनुराग बत्रा का कहना था, ‘किसी का जीवन उसके साहस के हिसाब से ही विकसित होता है। शिखा का दिल दहला देने वाला संस्मरण ‘नेशन फर्स्ट’ किताब के रूप में युवाओं की नई पीढ़ी को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा। यह युद्ध नायकों के परिवारों और भागीदारों पर इसके प्रभाव का प्रत्यक्ष विवरण है, जो इस सर्वोच्च कर्तव्य के लिए बड़ी कीमत चुकाते हैं। यह किताब सैनिक, परिवार और दिल को सबसे पहले रखने के बारे में है। इसमें एक महिला के उस जज्बे की झलक है, जिसकी बदौलत वह तब जीवन में और आगे बढ़ती है, जब हालात काफी कठिन हो जाते हैं।
वहीं, बरखा दत्ता का कहना था, ‘इस किताब में साहस का ऐसा रोमांचक और मार्मिक विवरण है, जिसे सिर्फ आंखों से नहीं देखा जा सकता। कारगिल युद्ध के नायक कैप्टन अखिलेश सक्सेना उस युद्ध में घायल गए, लेकिन उनकी पत्नी ने भी एक तरह से सैनिक की भूमिका निभाई। यह किताब आपको अपनी असाधारणता क्षमताओं के साथ भावनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला से रूबरू कराती है। यह किताब बताती है कि जब एक सैनिक युद्ध से घर आता है तो परिवार पर क्या बीतती है। यह सब समझने के लिए इस किताब को अवश्य पढ़ें। मैं इस पुस्तक की अत्यधिक अनुशंसा करती हूं।’
बता दें कि आईटी प्रोफेशनल, एंटरप्रिन्योर और दो बच्चों की मां शिखा अखिलेश सक्सेना के पति कैप्टन अखिलेश सक्सेना कारगिल युद्ध में बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इस युद्ध के बाद इस परिवार को सैन्य जीवन छोड़कर अपना जीवन नए सिरे से शुरू करना पड़ा और अपनी मेहनत व जज्बे के चलते उन्होंने सफलता की नई कहानी लिखी। अखिलेश सक्सेना वर्तमान में ‘टाटा कम्युनिकेशंस’ (Tata Communications) में वाइस प्रेजिडेंट के पद पर कार्यरत हैं, जबकि शिखा अखिलेश सक्सेना ‘Inspiring Mantras’ की फाउंडर और सीईओ हैं। यह संस्था लीडरशिप प्रोग्राम्स आयोजित करती है।
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