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अखबारों में फ्रंट पेज पर आज इन खबरों को मिली प्रमुखता
अमर उजाला के फ्रंट पेज पर एक बड़ा विज्ञापन है, जबकि हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण के फ्रंट पेज पर आज लगभग आधा पेज विज्ञापन है
नीरज नैयर 4 years ago
महंगाई के दौर में फोन पर बात करना भी महंगा हो गया है। कई कंपनियों ने कॉल दरें बढ़ा दी हैं। दिल्ली से प्रकाशित होने वाले कई अखबारों ने इस खबर को आज प्रमुखता से उठाया है। शुरुआत अमर उजाला से करते हैं। लीड महंगा मोबाइल बिल है और इसी में गैस सिलेंडर के चढ़ते दामों को रखा गया है। महंगाई के अलावा चार दिन बाद नींद से ‘जागे’ तेलंगाना के मुख्यमंत्री भी पेज पर हैं। जहां एक तरफ हैदराबाद में हुए वीभत्स कांड को लेकर पूरा देश गुस्से में उबल रहा है, वहीं मुख्यमंत्री शादी समारोह में व्यस्त रहे। जब मीडिया में बात उछली, तब कहीं जाकर मामले की जांच के आदेश दिए।
उधर, केजरीवाल सरकार ने निर्भया के एक दोषी की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की है, इसे भी पेज पर रखा गया है। दिल्ली में हुए सड़क हादसे की खबर तीन कॉलम में है। स्कूटी से जा रहे तीन नाबालिगों की पोल से टकराकर मौत हो गई। एंकर में कोहरे में फंसे विमान की खबर है, जिसका शीर्षक ‘दिल्ली में धुंध से पायलट ने खड़े किये हाथ, तो एक यात्री ने उड़ाया विमान’ पाठकों को समाचार पढ़ने के लिए आकर्षित करता है। इसके अलावा पेज पर डेढ़ कॉलम की दो खबरों सहित कुछ संक्षिप्त समाचार हैं।
अब नवभारत टाइम्स की बात करें तो लीड सड़क हादसा है। महंगी मोबाइल दरों को सबसे नीचे सिंगल कॉलम में जगह दी गई है। दिल्ली के लिहाज से सड़क हादसे को लीड रखा जा सकता है, लेकिन मोबाइल दरों में वृद्धि भी आम आदमी से जुड़ी खबर है, लिहाजा इसे भी बड़ी जगह मिलनी चाहिए थी। इस समाचार के महत्व को समझने में अखबार से चूक हुई है। निर्भया के दोषी की दया याचिका खारिज करने संबंधी केजरीवाल सरकार की सिफारिश को दूसरी बड़ी खबर का दर्जा मिला है। हैदराबाद की हैवानियत को वैल्यू एडिशन के तौर पर इसी खबर में रखा गया है।
अयोध्या में शुरू हुई राम रसोई, महाराष्ट्र में स्पीकर पद पर कांग्रेस का कब्जा और अपने पदाधिकारियों का कार्यकाल बढ़ाए जाने के लिए बीसीसीआई जाएगा सुप्रीम कोर्ट, इन समाचारों को भी प्रमुखता के साथ लगाया गया है। वैसे, स्पीकर और बीसीसीआई से जुड़ी खबरें बाकी अखबारों के फ्रंट पेज पर भी हैं। एंकर में 21वीं सदी में भी जात-पात, ऊंच-नीच को दर्शाती खबर है। फरीदाबाद के नजदीक दबंगों ने दलित के घर जा रही बारात को रास्ता नहीं दिया।
आज दैनिक जागरण का फ्रंट पेज सबसे अटपटा है। लीड वायु प्रदूषण पर केंद्रित अरविन्द पाण्डेय की बाईलाइन है। दूसरी बड़ी खबर छत्तीसगढ़ के चर्चित सारकेगुडा कांड की लीक हुई जांच रिपोर्ट है। इसके अनुसार सुरक्षाबालों की फायरिंग में नक्सली नहीं, बल्कि 17 ग्रामीणों की मौत हुई थी। महंगी मोबाइल दर से जुड़ी खबर तीन कॉलम में जरूर है, लेकिन इसकी प्रस्तुति बेहद सामान्य है।
राजधानी के सड़क हादसे और हैदराबाद कांड को महज सिंगल कॉलम में रखा गया है। उद्धव ठाकरे की हिंदुत्व पर वापसी को अखबार ने प्रमुखता से पेज पर लगाया है। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही ठाकरे ने साफ कर दिया है कि वो हिंदुत्व को कभी नहीं छोड़ेंगे।
वहीं, दैनिक भास्कर का फ्रंट पेज आज अपनी ‘मंडे पॉजिटिव’ थीम पर आधारित है। टॉप बॉक्स में अमित कुमार निरंजन की बाईलाइन स्टोरी है, जिसमें उन्होंने उन युवाओं के बारे में बताया है जो विदेश की नौकरी छोड़कर बच्चों को पढ़ाने-किसानों की मदद करने में जुटे हैं। लीड महंगी मोबाइल दरें हैं, हालांकि पॉइंट साइज और फॉन्ट की गफलत आज भी है। यानी यह समझना मुश्किल है कि कौन सी खबर लीड है और कौन सी नहीं।
हैदराबाद की हैवानियत के फॉलोअप के रूप में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकारों की लापरवाही को दर्शाती खबर भी फ्रंट पेज पर है। खबर के अनुसार, 10 राज्यों ने अभी तक इमरजेंसी नंबर 112 शुरू ही नहीं किया है। राजधानी का सड़क हादसा सिंगल कॉलम में है, जबकि बीसीसीआई से जुड़े समाचार को अपेक्षाकृत बड़ी जगह दी गई है। एंकर में अनिरुद्ध सिंह परमार की बाईलाइन है, जिन्होंने संयुक्त परिवार के टूटने को लेकर एक सर्वे प्रस्तुत किया है।
हिन्दुस्तान के फ्रंट पेज पर लगभग आधा पेज विज्ञापन है, लेकिन खबरों को जगह देने में कोई कंजूसी नहीं दिखाई गई है। लीड महंगी मोबाइल दरें हैं, जिसे विस्तार से पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। पास ही एक ही नेचर की दो खबरों को दो-दो कॉलम में लगाया गया है। पहली हैदरबाद से जुड़ी है जहां नींद से जागे मुख्यमंत्री ने गैंगरेप मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने के आदेश दिए हैं। दूसरी दिल्ली की निर्भया कांड से संबंधित है, जहां सरकार ने एक दोषी की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की है। राजधानी के सड़क हादसे के साथ ही रमेश त्रिपाठी की स्टोरी को भी पेज पर जगह मिली है। त्रिपाठी ने बताया है कि ठग किस तरह बैंकों को चूना लगा रहे हैं। इसके अलावा, पेज पर कुछ सिंगल खबरें भी हैं।
सबसे आखिरी में रुख करते हैं ‘राजस्थान पत्रिका’ का। पेज की शुरुआत महंगी मोबाइल दरों के समाचार से हुई है, जिसे सिंगल में रखा गया है। टॉप बॉक्स में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर देश का गुस्सा है। इसमें हैदराबाद और निर्भया कांड से जुड़े समाचारों को जगह मिली है। लीड सारकेगुडा कांड की लीक जांच रिपोर्ट है, जिसे विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। उद्योगपति राहुल बजाज द्वारा मोदी सरकार पर किये गए हमले को भी बड़ी जगह मिली है। एंकर में दुर्लभ चिकित्सीय मामले को बयां करती खबर है। अमेरिका में 2 बच्चों को चिकनपॉक्स के टीके से दिमागी बुखार हो गया। इसके अलावा पेज पर नौसेना दिवस की तैयारी से जुड़ी फोटो सहित कुछ अन्य समाचार हैं।
आज का ‘किंग’ कौन?
1: लेआउट के लिहाज से आज ‘राजस्थान पत्रिका’, ‘दैनिक भास्कर’ और ‘अमर उजाला’ बेहतर नज़र आ रहे हैं।
2: खबरों की प्रस्तुति खासकर महंगी मोबाइल दरों की बात करें, तो ‘हिन्दुस्तान’, ‘अमर उजाला’ ने काफी अच्छी तरह से खबर को पाठकों के समक्ष पेश किया है।
3: आज लगभग सभी अखबारों में कलात्मक शीर्षक का टोटा है। हालांकि, ‘अमर उजाला’ ने एंकर की हेडलाइन में अच्छा प्रयोग ज़रूर किया है। इसी तरह ‘नवभारत टाइम्स’ ने भी सड़क हादसे की खबर का एकदम अलग शीर्षक दिया है, लेकिन फिर भी कलात्मक शीर्षक के मामले में सभी के हाथ खाली हैं।
4: खबरों की बात करें तो ‘दैनिक जागरण’, ‘राजस्थान पत्रिका’ और ‘नवभारत टाइम्स’ ने मोबाइल दरों में वृद्धि से जुड़ी के साथ अच्छा ट्रीटमेंट नहीं किया है। जबकि आम आदमी से सीधे तौर पर जुड़ाव रखने वाले इस समाचार को तवज्जो मिलनी चाहिए थी।
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