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इस बड़ी खबर पर राजस्थान पत्रिका ने मारी बाजी, अन्य अखबार नजर आए दूर
विज्ञापन की अधिकता के कारण दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान में आज तीसरे पेज को जबकि नवभारत टाइम्स में पांचवे और सातवें पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है
नीरज नैयर 4 years ago
राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। यही दिशा-निर्देश आज दिल्ली से प्रकाशित होने वाले अखबारों की सबसे बड़ी खबर है। शुरुआत करते हैं दैनिक भास्कर से। राजनीति के अपराधीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से प्रत्याशियों के चयन का आधार पूछा है। इस खबर को काफी विस्तार से पाठकों के समक्ष रखा गया है।
वहीं, दिल्ली चुनाव के बाद भाजपा को अपने नेताओं के बयानों में हार के कारण नजर आने लगे हैं। इस खबर के साथ ही दिल्ली के सामूहिक हत्याकांड का पटाक्षेप प्रमुखता के साथ पेज पर है। निर्भया के दोषी विनय की चालबाजी और गार्गी कॉलेज विवाद को भी फ्रंट पेज पर जगह मिली है। इसके अलावा, तीन समाचारों को सिंगल में रखा गया है। इनमें मैच फिक्सिंग के आरोपित की गिरफ्तारी और बच्चों के लिए अलग रंग का आधार कार्ड प्रमुख हैं। एंकर में अखबार की खास खबर है। गुजरात की एक बेटी ने अपने पिता से दहेज में अपने वजन के बराबर किताबें मांगीं और पिता ने उसकी मांग को पूरा भी किया।
अब दैनिक जागरण की बात करें तो जैकेट विज्ञापन के कारण आज तीसरे पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है। हालांकि इस पेज पर कोई विज्ञापन नहीं है। पेज की शुरुआत भाजपा के ‘पछतावे’ से हुई है। अमित शाह को लगता है कि नेताओं की ‘नफरत की भाषा’ ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया। लीड नेताओं के ‘दाग’ हैं, जबकि भजनपुर हत्याकांड का पटाक्षेप, 19 साल बाद मैच फिक्सर संजीव चावला की गिरफ्तारी और दिल्ली में दो पुलिसकर्मियों की हत्या भी पेज पर है। पुलिसकर्मियों को बदमाशों ने केवल इसलिए गोली मार दी, क्योंकि उन्होंने पता बताने से इनकार कर दिया था।
इसके अलावा, ब्रिटेन में भारतवंशियों की उपलब्धि को प्रमुखता के साथ पेज पर जगह देने के साथ ही एंकर में पुस्तक पर संग्राम को रखा गया है। किताब में पंडित नेहरू को लेकर लिखीं कुछ बातों पर विदेशमंत्री जयशंकर और इतिहासकार रामचंद्र गुहा आपस में भिड़ गए हैं।
अब हिन्दुस्तान का रुख करें, तो यहां फुल पेज विज्ञापन के चलते तीसरे पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है। लीड सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश हैं, जिनके तहत अब राजनीतिक पार्टियों को बताना होगा कि उन्होंने दागी उम्मीदवारों को टिकट क्यों दिया। दूसरी बड़ी खबर के रूप में निर्भया के दोषी की पैंतरेबाजी को रखा गया है। विनय के वकील का कहना है कि विनय की दिमागी हालत ठीक नहीं है, इसलिए उसे फांसी नहीं दी जा सकती।
अमित शाह के पछतावे सहित केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को भी प्रमुखता मिली है। भजनपुर हत्याकांड का पटाक्षेप, ब्रिटेन में भारतवंशी की उपलब्धि, मैच फिक्सर की गिरफ्तारी और लखनऊ कोर्ट में देशी बम से हमले सहित छह समाचारों को सिंगल में लगाया गया है।
आज नवभारत टाइम्स पर विज्ञापनों की जमकर ‘बरसात’ हुई है। चार फुल पेज विज्ञापनों के चलते पांचवें और सातवें पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है। हालांकि, वहां भी ज्यादा खबरों की गुंजाइश नहीं बन सकी है। पहले फ्रंट पेज पर अमित शाह के पछतावे को लीड का दर्जा मिला है। दूसरी और आखिरी बड़ी खबर के रूप में हार पर भाजपा नेताओं का मंथन है। पन्ना पलटकर दूसरे फ्रंट पेज पर चलें तो यहां नेताओं के दाग पर सवाल लीड है, जिसे काफी अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया है।
मेट्रो में अश्लील हरकत की खबर को प्रमुखता के साथ जगह दी गई है। इसके अलावा, पेज पर कोरोना वायरस, भजनपुर हत्याकांड का पटाक्षेप, मैच फिक्सर की गिरफ्तारी के साथ-साथ कुछ अन्य समाचार हैं। अखबार के पहले फ्रंट पेज पर आधा पेज विज्ञापन होने के कारण यहां सिर्फ खबरों वाला हिस्सा ही शो हो रहा है, जबकि दूसरा फ्रंट पेज पूरा शो हो रहा है।
सबसे आखिरी में नजर डालते हैं राजस्थान पत्रिका पर। फ्रंट पेज की शुरुआत टॉप बॉक्स से हुई है, जिसमें पुलवामा हमले की पहली बरसी को रखा गया है। आनंदमणि त्रिपाठी ने अपनी बाईलाइन में उस काले दिन और उसके बाद से सीआरपीएफ की तैयारियों के बारे में बताया है। ताज्जुब की बात है कि बाकी अखबारों ने शहीदों की शहादत के लिए फ्रंट पेज पर सिंगल कॉलम खबर भी नहीं ली है। लीड सबसे अलग कोरोना वायरस है।
नेताओं के दाग पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल को काफी छोटी जगह प्रदान की गई है। अमित शाह के पछतावे, भाजपा के संगठन में होने वाले बदलाव सहित निर्भया के दोषी की चालबाजी भी पेज पर है। एंकर में कनाडाई संसदीय प्रतिनिधि मंडल की लोकसभा अध्यक्ष से हुई मुलाकात है।
आज का ‘किंग’ कौन?
1: लेआउट के मामले में आज मुकाबला दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और राजस्थान पत्रिका के बीच था, क्योंकि तीनों के फ्रंट पेज पर कोई विज्ञापन नहीं है। इस दौड़ में दैनिक भास्कर अव्वल रहा है।
2: खबरों की प्रस्तुति में पहले स्थान पर दैनिक भास्कर, फिर हिन्दुस्तान और नवभारत टाइम्स हैं।
3: कलात्मक शीर्षक की बात करें तो बाजी नवभारत टाइम्स के नाम रही है। ‘दाग अच्छे हैं, पर क्यों’? शीर्षक दर्शाता है कि कम शब्दों में भी पूरी बात कैसे बयां की जा सकती है।
4: ख़बरों की बात करें तो सभी अखबारों ने प्रमुख खबरों को फ्रंट पेज पर रखने का प्रयास किया है, लेकिन इस प्रयास में राजस्थान पत्रिका को सबसे आगे कहा जा सकता है। इसकी प्रमुख वजह है पुलवामा हमले की बरसी से जुड़ी खबर का फ्रंट पेज पर होना। बाकी अखबारों ने इस खबर को फ्रंट पेज पर सिंगल कॉलम में भी जगह नहीं दी है। दैनिक जागरण ने जरूर अंदर के पन्नों पर लगी खबर को पॉइंटर के रूप में फ्रंट पेज पर रखा है।
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