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फ्रंट पेज के शीर्षक में ये दो बड़े अखबार कर बैठे गलती

नवभारत टाइम्स के पाठकों को आज दो फ्रंट पेज पढ़ने को मिले हैं, जबकि दैनिक जागरण में तीसरे और हिन्दुस्तान में पांचवे पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है

नीरज नैयर 4 years ago

विज्ञापनों की ‘बरसात’ से दिल्ली से प्रकाशित होने वाले प्रमुख अखबार आज भी सराबोर हुए हैं। सबसे पहले आज बात करते हैं नवभारत टाइम्स की। विज्ञापनों के चलते तीसरे और पांचवें पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है। पहले पेज पर केजरीवाल का शपथ ग्रहण समारोह के लिए पीएम मोदी को न्योता लीड है। इसके अलावा, पेज पर दो अन्य समाचार और कुछ संक्षिप्त खबरें हैं। दूसरे फ्रंट पेज पर चलें, तो यहां सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरकार को लगाई गई कड़ी फटकार सबसे बड़ी खबर है। टेलिकॉम कंपनियों से वसूली के मामले में सरकार के रवैये से नाराज कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि देश में कानून नहीं बचा है, क्यों न सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दिया जाए।

महेंद्र सिंह धोनी के चाहने वालों के लिए आई खुशखबरी को भी अखबार ने प्रमुखता के साथ पेज पर रखा है। धोनी एक मार्च से मैदान पर उतरेंगे। कोर्ट से जुड़ी तीन ख़बरों को एकसाथ लगाया गया है। मसलन, ‘निर्भया के दोषी की याचिका खारिज’, ‘फांसी के मामलों में जारी गाइडलाइन’ और ‘सुनवाई के बीच बेहोश हुईं जज’। पुलवामा हमले को लेकर राहुल गांधी का सरकार पर प्रहार और भाजपा नेताओं के पलटवार को भी बड़ी जगह मिली है। इस खबर की हेडलाइन थोड़ी पेचीदा बना दी गई है। इसके अलावा, जल्दबाजी में शीर्षक में एक शब्द भी छूट गया है। दरअसल, लिखा गया है ‘पुलवामा से सबसे फायदा किसे’?, जबकि होना चाहिए था ‘पुलवामा से सबसे ज्यादा फायदा किसे’? अखबार में पहले फ्रंट पेज पर आधा पेज विज्ञापन होने के कारण यहां सिर्फ खबरों वाला भाग ही शो हो रहा है, जबकि दूसरा फ्रंट पेज पूरा शो हो रहा है।  

अब हिन्दुस्तान का रुख करें तो अखबार में विज्ञापन इतने हैं कि पांचवें पेज को फ्रंट पेज बनाया जा सका है। लीड सुप्रीम कोर्ट की फटकार है, लेकिन खबर का शीर्षक ‘फटकार’ पर नहीं टेलीकॉम कंपनियों से वसूली पर केंद्रित है। इससे खबर का तीखापन थोड़ा कम हो गया है। सेकंड लीड के रूप में पुलवामा हमले की बरसी पर हुई सियासी बयानबाजी को रखा गया है।

केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां, निर्भया के दोषी और एनसीआर में निर्माण से हटी पाबंदी को भी प्रमुखता से पेज पर जगह दी गई है। श्याम सुमन ने अपनी बाईलाइन में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर लगी रोक को अब पूरी तरह से हटा दिया है। इसके अलावा, पेज पर पांच सिंगल समाचार हैं। जिसमें ‘एकदिन में बन जाएगा पैनकार्ड, अमरनाथ यात्रा 23 जून से, एक अप्रैल से नहीं बिकेंगे बीएस-4 वाहन’ प्रमुख हैं।

आज राजस्थान पत्रिका के फ्रंट पेज पर टॉप बॉक्स में एक बेहतरीन और पढ़ने लायक खबर है। यह खबर बताती है कि कर्नाटक निवासी कंबाला ने उसैन बोल्ट को भी पीछे छोड़ दिया है। वहीं, पुलवामा हमले की बरसी पर सियासत और श्रद्धांजलि को भी बड़ी जगह मिली है। लीड सबसे अलग आम आदमी पार्टी से जुड़ी खबर को लगाया गया है, जो अब पूरे देश में चुनाव लड़ने का सोच रही है।

कांग्रेस में बढ़ी कलह को भी अखबार ने पेज पर रखा है। शादाब अहमद ने अपनी बाईलाइन में राज्यसभा के लिए पार्टी में मचे घमासान को रेखांकित किया है, वहीं मध्यप्रदेश में चल रही उठापठक सिंगल कॉलम में है। निर्भया के दोषी की खारिज याचिका एंकर के पास दो कॉलम में है और एंकर में सुवालाल जांगु की बाईलाइन को स्थान मिला है। उन्होंने अरुणाचल के काबू गांव के बदलाव की कहानी से पाठकों को रूबरू करवाया है। अखबार  ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरकार को लगाई गई फटकार को फ्रंट पेज पर नहीं रखा है।

वहीं, दैनिक भास्कर की बात करें तो लीड मोदी सरकार को मिली फटकार है, जिसे सात कॉलम में विस्तार से पाठकों के समक्ष पेश किया गया है। निर्भया के दोषी विनय की खारिज याचिका, पुलवामा हमले की बरसी से जुड़ी खबर के साथ ही केजरीवाल की शपथ की तैयारियों को भी प्रमुखता के साथ रखा गया है। एंकर में अमीरी के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित करते उद्योगपति हैं। इसके पास ही दो कॉलम में बॉम्बे हाई कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज का इस्तीफा है। जस्टिस धर्माधिकारी का कहना है कि वो मुंबई से बाहर जाना नहीं चाहते, इसलिए इस्तीफा दिया है।

इसके अलावा, पेज पर तीन सिंगल समाचार हैं। इनमें एनडीएमसी के कर्मचारियों की परेशानी और आशंकित विजय माल्या प्रमुख हैं। एनडीएमसी के 200 कर्मचारियों के खातों से किसी जालसाज ने पैसा निकाल लिया है, वहीं प्रत्यपर्ण की सुनवाई पूरी होने के बाद घबराए माल्या ने भारतीय बैंकों को मूलधन वापस करने की इच्छा जताई है। अखाबर ने संक्षिप्त में एक बेहद महत्वपूर्ण खबर को रखा है, जिसके अनुसार देश के तीन हवाईअड्डे 50 साल के लिए अडाणी ग्रुप को सौंप दिए गए हैं।

सबसे आखिरी में रुख करते हैं दैनिक जागरण का। फ्रंट पेज पर विज्ञापन होने के कारण अखबार ने तीसरे पेज को फ्रंट पेज बनाया है। टॉप बॉक्स में दो खबरों को लगाया गया है। पहली, एनडीएमसी कर्मचारियों से हुई जालसाजी और दूसरी, फांसी की सजा पर सुनवाई की समय सीमा तय।

लीड सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरकार को लगाई गई फटकार है। वहीं,  पुलवामा हमले की बरसी पर हुई सियासत को भी प्रमुखता के साथ पेज पर रखा गया है। दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों से हटी रोक और एक अप्रैल से बीएस-4 वाहनों की बिक्री पर रोक को भी स्थान मिला है। एंकर में एक अच्छी खबर है। अब आप नोएडा मेट्रो में जन्मदिन पार्टी जैसे आयोजन कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए आपको प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान भी करना होगा।

आज का किंग कौन?

1: लेआउट हिसाब से यदि देखें तो आज दैनिक भास्कर अव्वल है। वैसे, नवभारत टाइम्स ने भी सीमित जगह में काफी अच्छा फ्रंट पेज तैयार किया है। खास बात यह है कि दैनिक जागरण का पेज भी पिछले दिनों की अपेक्षा बेहतर दिखाई दे रहा है।

2: खबरों की प्रस्तुति में पहले स्थान पर दैनिक भास्कर, और दूसरे नंबर पर नवभारत टाइम्स है।

3: शीर्षक को कलात्मक बनाने का प्रयास आज किसी भी अख़बार में नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, नवभारत टाइम्स और दैनिक भास्कर गलती जरूर कर बैठे हैं। नवभारत टाइम्स से जहां पुलवामा पर सियासत की हेडलाइन में गलती हुई है, वहीं दैनिक भास्कर सुप्रीम कोर्ट में अफरा-तफरी के समाचार के शीर्षक में गलती कर बैठा है।

4: खबरों की बात करें, तो राजस्थान पत्रिका ने एक कदम आगे बढ़ाकर खुद को पीछे धकेलने का प्रयास किया है। कर्नाटक के ‘उसैन बोल्ट’ की खबर को जहां फ्रंट पेज पर स्थान दिया गया है, वहीं सुप्रीम कोर्ट की अति महत्वपूर्ण खबर के मामले में अख़बार से चूक हो गई है। वहीं, दैनिक भास्कर ने एक संक्षिप्त खबर से खुद को सबसे आगे पहुंचा दिया है। देश के तीन हवाईअड्डों को मोदी सरकार ने 50 साल के लिए अडाणी समूह को सौंप दिया है। समूह के पास इन हवाईअड्डों के संचालन की जिम्मेदारी होगी।


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