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सरकार की आर्थिक राहत को लेकर कैसी रही हिंदी अखबारों की कवरेज, पढ़ें यहां

हिन्दुस्तान और दैनिक जागरण में आज तीसरे पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है

नीरज नैयर 4 years ago

कोरोना से जंग में सबसे ज्यादा मार झेल रहे तबके को राहत पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने आर्थिक पैकेज पैकेज का ऐलान किया है। इसी पैकेज की बारीकियों को आज दिल्ली से प्रकाशित होने वाले अखबारों ने पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास किया है।

सबसे पहले बात करते हैं अमर उजाला की, जहां फ्रंट पेज पर कोई विज्ञापन नहीं होने के चलते खबरों को अच्छी तरह से पेश किया जा सका है। ‘सबसे बड़ी राहत’ शीर्षक के साथ आर्थिक पैकेज को लीड लगाया गया है। खबर में हर घोषणा को विस्तार से समझाया गया है। साथ ही बाजार का हाल और विपक्ष की प्रतिक्रिया को भी जगह मिली है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार की चुनौती को अलग से रखा है। कोरोना देश के 26 राज्यों तक पहुंच गया है। इसके अलावा, पेज पर विडियो कांफ्रेंसिंग से हुई जी-20 देशों की बैठक है और एंकर में कोरोना से जूझते इटलीवासियों पर लगी पाबंदी है।

अब रुख करते हैं दैनिक जागरण का। सरकार के आर्थिक पैकेज को फ्रंट पेज की लीड लगाया गया है, जिसका शीर्षक कोरोना को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

वहीं, नीलू रंजन की बाईलाइन और दिल्ली सरकार के अहम फैसले को पर्याप्त जगह मिली है। नीलू ने बताया है कि कोरोना संक्रमण के एक दिन में सबसे अधिक 88 मामले गुरुवार को दर्ज किये गए। दिल्ली में जरूरी वस्तुओं की दुकानें अब 24 घंटे खुली रहेंगी। एंकर में जयप्रकाश रंजन की बाईलाइन है, जिन्होंने जी-20 के वर्चुअल सम्मलेन के बारे में विस्तार से पाठकों को बताया है।

हिन्दुस्तान में भी आज पाठकों को काफी खबरें मिली हैं। फ्रंट पेज पर कोई विज्ञापन नहीं होने की वजह से सभी जरुरी खबरों को पर्याप्त स्थान मिला है। लीड आर्थिक पैकेज है, जबकि दिल्ली सरकार की तैयारी और कोरोना के प्रभाव से जुड़ी दो अन्य खबरों को दो-दो कॉलम में रखा गया है।

सेकंड लीड का दर्जा वर्चुअल जी-20 सम्मलेन को मिला है। वहीं, मौसम का बदलता मिजाज और महामारी से निपटने के लिए केंद्र की रणनीति भी पेज पर है। अखबार ने कोरोना से जूझ रहे अमेरिका के हाल को भी पाठकों तक पहुंचाया है, साथ ही मेट्रो बंदी की खबर भी पेज पर है। एंकर की बात करें तो यहां वायरस से जंग में मदद के लिए आगे आये उद्योगपति हैं।

वहीं नवभारत टाइम्स की बात करें तो फ्रंट पेज की शुरुआत पाठकों को समझाइश वाली टॉप बॉक्स से हुई है, जिसमें बताया गया है कि न्यूजपेपर से कोरोना नहीं फैलता। लीड आर्थिक पैकेज है, जिसे ‘बूस्टर डोज’ शीर्षक के साथ पाठकों के समक्ष पेश किया गया है। अखबार ने लॉकडाउन के दौरान पुलिस की बर्बरता को प्रमुखता से उठाया है, जो बेहद जरूरी है। पुलिसकर्मियों को पर्याप्त निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है कि पब्लिक के साथ किस तरह से पेश आना है। साथ ही मजदूरों की मजबूरी को भी पेज पर रखा गया है।

दिल्ली सरकार के 24 घंटे जरूरी वस्तुओं की दुकानें खोलने के फैसले के साथ ही कोरोना से देश और विदेश के हाल के बारे में भी बताया गया है। एंकर में भी लोगों को अखबारों के बारे में जागरूक करता समाचार है। हालांकि, पूरी खबर में यह बताने का प्रयास नहीं किया गया है कि RWA का मतलब क्या है। यह जरूरी नहीं कि हर पाठक को वह जानकारी हो, जो अखबार तैयार करने वाले पत्रकारों को होती है, लिहाजा इस तरह के मामलों में फुलफॉर्म का भी जिक्र किया जाना चाहिए।

आखिरी में रुख करते हैं राजस्थान पत्रिका का। अखबार ने सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर अपने मास्टहेड में प्रयोग किया है। लीड आर्थिक पैकेज है, जिसे काफी विस्तार से पाठकों के सामने प्रस्तुत किया गया है। साथ ही कोरोना की बढ़ती चाल का भी लीड में जिक्र है।

वर्चुअल जी-20 सम्मलेन, कोरोना से मुकाबले के लिए मोदी सरकार की रणनीति और सेना की तैयारी को भी प्रमुखता से पेज पर रखा गया है। एंकर में मुकेश केजरीवाल की बाईलाइन है, जिन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से बातचीत की है।

आज का ‘किंग’ कौन?

1: लेआउट की बात करें, तो आज हिन्दुस्तान अव्वल है। अखबार का फ्रंट पेज काफी संतुलित एवं आकर्षक नजर आ रहा है।

2: खबरों की प्रस्तुति का जहां तक सवाल है, तो आज राजस्थान पत्रिका और अमर उजाला ने सबको पीछे छोड़ दिया है। दोनों अखबारों ने आर्थिक पैकेज वाली खबर को काफी विस्तार से पाठकों के समक्ष रखा है।

3: कलात्मक शीर्षक के मामले में आज सभी अखबारों ने एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दी है, लेकिन विजेता का ताज राजस्थान पत्रिका के सिर ही सजेगा। ‘अन्न-धन का ईंधन’ पैकेज के पीछे सरकार की सोच और तैयारी को ज्यादा स्पष्ट करता है। 


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