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इस अखबार का दफ्तर किया गया सील, संपादक ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

अखबार मालिकों का कहना है कि इस संबंध में पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया और न किसी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया

समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में संपदा विभाग के अधिकारियों ने अंग्रेजी दैनिक ‘कश्मीर टाइम्स’ के दफ्तर को सोमवार को सील कर दिया। इस अखबार का कार्यालय प्रेस एन्क्लेव की एक सरकारी बिल्डिंग में आवंटित किया गया था। अखबार मालिकों का कहना है कि इस संबंध में पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया और न किसी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया।

‘कश्मीर टाइम्स’ की संपादक अनुराधा भसीन ने कहा, ‘श्रीनगर में हमारे दफ्तर पर कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ताला डाल दिया गया है। (आवंटन) रद्द करने या खाली करने का कोई नोटिस हमें नहीं दिया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘हम संपदा विभाग गए और उनसे (कार्यालय खाली करने) इस संबंध में आदेश देने को कहा, लेकिन उन्होंने आदेश जारी नहीं किया। इसके बाद हमने अदालत का रुख किया लेकिन वहां से भी कोई आदेश नहीं आया।’

भसीन ने इस कदम को अपने खिलाफ  ‘प्रतिशोध’ बताया, क्योंकि वह सरकार के खिलाफ बोलीं थी और उन्होंने पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में मीडिया पर लगाई गईं पाबंदियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।

उन्होंने कहा, ‘पिछले साल जिस दिन मैं न्यायालय गई थी, उसी दिन कश्मीर टाइम्स को मिलने वाले राज्य सरकार के विज्ञापनों को रोक दिया गया था।’

‘कश्मीर टाइम्स’ का दफ्तर सील किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने मंगलवार को इस कदम की निंदा की। वहीं, लगभग एक दर्जन पत्रकारों के समूह ने अखबार के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए अपनी ओर से नि:शुल्क सेवा देने की पेशकश की।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘इससे पता चलता है कि क्यों हमारे कुछ ‘प्रतिष्ठित’ प्रकाशन सरकार के मुखपत्र बन गए हैं और केवल सरकार की प्रेस विज्ञप्तियां छाप रहे हैं। स्वतंत्र रिपोर्टिंग की कीमत तय प्रक्रिया का पालन किए बिना बेदखली है।’ 

माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने आरोप लगाया कि प्रशासन का यह बदले की राजनीति से उठाया गया कदम है और यह क्षेत्र में असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास है।

संपादक अनुराधा भसीन के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए पत्रकारों के एक समूह ने आरोप लगाया कि अखबार को दबाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं जो खासकर पांच अगस्त के बाद से कश्मीर में स्वतंत्र प्रेस पर सरकार के प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज उठाने में अग्रणी रहा है। समूह ने बयान में कहा कि उनमें से कुछ अखबार की संपादकीय टीम को नि:शुल्क सेवा देने को तैयार हैं।

बता दें कि इस अंग्रेजी अखबार का मुख्यालय जम्मू में है और यह केंद्र शासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों से प्रकाशित होता है।

 


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