होम / प्रिंट / उत्तर प्रदेश की प्रवासी संस्था UPCA ने किया ''काशी: द अबोड ऑफ शिव'' का लोकार्पण
उत्तर प्रदेश की प्रवासी संस्था UPCA ने किया ''काशी: द अबोड ऑफ शिव'' का लोकार्पण
उत्तर प्रदेश सामुदायिक एसोशिएसन (यूपीसीए) ने भारतीय उच्चायोग के सांस्कृतिक केंद्र नेहरू सेंटर के साथ मिलकर लंदन में ''काशी: द अबोड ऑफ शिव'' नामक पुस्तक का लोकार्पण किया है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 months ago
उत्तर प्रदेश सामुदायिक एसोशिएसन (यूपीसीए) ने भारतीय उच्चायोग के सांस्कृतिक केंद्र नेहरू सेंटर के साथ मिलकर लंदन में ''काशी: द अबोड ऑफ शिव'' नामक पुस्तक का लोकार्पण किया है। इस पुस्तक का चित्र संकलन और लेखन बीबीसी हिंदी के पूर्व संपादक व प्रसिद्ध फोटोग्राफर, लेखक और फिल्म निर्माता डॉ. विजय राणा ने किया है।
काशी की गिनती विश्व के प्राचीनतम नगरों में होती है। भारत की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाले इस इस नगर के बारे में कहा जाता है कि यहां की सुबह सुनहरी और शाम निराली होती है। डॉ. विजय राणा ने अपनी नवीनतम फोटोग्राफिक पुस्तक में काशी के अनेकों दिव्य स्थानों और अनुष्ठानों को प्रदर्शित करने का प्रयास किया है। हृदय की आंखों से देखने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए काशी के पुरपति बाबा विश्वनाथ और जगत की पालनहार माता अन्नपूर्णा की दिव्य उपस्थिति के कुछ अनोखे दृश्य हमें इस पुस्तक में देखने को मिलते हैं।
दुनिया के अनेक फोटोग्राफर्स ने भारत की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी का चित्रांकन किया है, लेकिन उनकी किताबों में वाराणसी के सबसे पवित्र तीर्थस्थल और काशी यात्रा पर आने वाले यात्रियों के आकर्षण के सबसे बड़े केंद्र, काशी विश्वनाथ मंदिर की तस्वीरें नहीं हैं। कारण यह है कि भारत के अधिकांश प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों के अंदर फोटोग्राफी प्रतिबंधित है। परिणामस्वरूप इन मंदिरों में होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों का कोई दृशयात्मक रिकॉर्ड हमारे पास नहीं है। ''काशी: द अबोड ऑफ शिव'' इस परांपरा को तोड़ने वाली किताब है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय उच्चायोग के समन्वय मंत्री दीपक चौधरी ने कहा कि सावन के प्रथम सोमवार में काशी का अनुभव अवर्णीय है और यूपीसीए-यूके द्वारा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ इस तरह के कार्यक्रम लाने के प्रयास की सराहना की और समुदाय भर से लोगों को आमंत्रित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।
यूपीसीए के अध्यक्ष मधुरेश मिश्रा से बातचीत करते हुए विजय राणा ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के भीतर होने वाले अनुष्ठान और आरतियों के चित्र इस पुस्तक के प्रमुख आकर्षण हैं। साथ ही मंदिर के प्रांगण में आयोजित होने वाले दो प्रमुख वार्षिक त्योहार – शिवरात्रि और रंगभरी एकादशी के मनोहारी दृश्य भी पाठकों को आकर्षित करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा वाराणसी के कुछ एतिहासिक घाटों और काशी की संजीवनी गंगा के रोचक दृश्य भी हमें इस पुस्तक में देखने को मिलते हैं।
''काशी: द अबोड ऑफ शिव'' का कथ्य भी उतना ही रोचक है जितने की उसके चित्र। पुस्तक में स्कन्द पुराण, शिव पुराण और वाल्मीकि रामायण से ली गई आठ कहानियां हैं। ये कहानियाां काशी में भगवान शिव और पार्वती के काशी में आगमन और स्थापना के बारे में बताती हैं।
लंदन की प्रमुख सांस्कृतिक कर्मी मीरा मिश्रा कौशिक ने कहा कि डॉ. विजय राणा ने जिस सुंदर और सरल भाषा में काशी की भव्यता का वर्णन किया वो हृदय को छूने वाला था। इसके अलावा कार्यक्रम के सौहार्दपूर्ण वातावरण को देख कर लगा कि यूपीसीए उत्साही सदस्यों का एक परिवार है।
पूर्व ब्रिटिश सांसद वीरेंद्र शर्मा ने अपने उद्बोधन में विजॉय राणा जी कार्यों और प्रयासों की सराहना की।
यूपीसीए के महासचिव अश्वनी श्रीवास्तव ने कहा कि ''काशी: द अबोड ऑफ शिव'' काशी की अनवरत जीवंत भावना का उत्सव है और काशी की पावन भूमि में भारत की राजनीतिक और आध्यात्मिक परंपराओं की आकर्षक प्रस्तुति है।
कार्यक्रम का संचालन संतोष पांडे ने किया और इंद्रेश मिश्रा, राजीव खंडेलवाल, राजेश विश्वकर्मा, अरुण चौबे, रोहिन ग्रोवर, वीरेंद्र मिश्रा, पीयूषिता गुप्ता, सुधीर पांडेय, आशीष मिश्रा और मनोज मिश्रा, निष्ठा द्विवेदी ने इसे सफल बनाने में विशेष योगदान दिया।
गौरतल है कि उत्तर प्रदेश कम्युनिटी एसोससएशन यूके (यूपीसीए) की स्थापना 2018 वर्ष में हुई। यूपीसीए एक सामाजिक संगठन है जो ब्रिटेन में उत्तर प्रदेश मूल के लोगों को एकजुट करता है और प्रदेश की संस्कृति, कला , सेवा कार्य और भाषा को बढ़ावा देता है। यूपीसीए युवा पीढ़ी को उत्तर प्रदेश की समृद्ध विरासत के बारे में शिक्षित करने का भी काम करता है।
टैग्स उत्तर प्रदेश लोकार्पण काशी: द अबोड ऑफ शिव