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अमेरिकी अखबार ने किया दावा, इस सच को छिपा रहा है भारत
‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने लिखा कि भारत सरकार का कहना है कि वो बाकी देशों की तुलना में कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ रहा है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 10 लाख को भी पार कर गई है, जिसके चलते भारत दूसरे नंबर पर पहुंचने वाला है। लेकिन फिर भी भारत पर आरोप लग रहे हैं कि वह कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा छिपा रहा है। यह दावा अमेरिकी अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने किया है।
अखबार के मुताबिक, भारत कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छुपा रहा है। वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि जब भारत के चार बड़े शहरों से मार्च और जून के बीच हुई मौतों का आंकड़ा मांगा गया, तो सिर्फ मुंबई ने ही सही आंकड़ा उपलब्ध करवाया, जबकि कोलकाता ने तो कोई आंकड़ा दिया ही नहीं।
‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने लिखा कि भारत सरकार का कहना है कि वो बाकी देशों की तुलना में कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ रहा है। लेकिन भारत की एक बड़ी जनसंख्या गांवों और छोटे शहरों में रहती है। इन स्थानों पर स्वास्थ्य सुविधाएं बड़े शहरों की तुलना में ज्यादा अच्छी नहीं है।
अमेरिकी अखबार ने अपने दावे में कहा कि अमेरिका और ब्राजील में जब कोरोना के कुल मामले 10 लाख थे तो मौत की संख्या करीब 50 हजार हो चुकी थी, लेकिन कुल 10 लाख मामलों पर भारत में कोरोना से मौत का आंकड़ा 25 हजार रहा है।
‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने लिखा कि भारत में कई मौतें रिपोर्ट ही नहीं की जाती है। इसके अलावा भारत ने कहा है कि देश में कोरोना से कम मौत होने का कारण टीबी वैक्सीन और भारतीय लोगों में मौजूद इम्यूनिटी है, जबकि अमेरिकी एक्सपर्ट का मानना है कि इस थ्योरी का कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिला है।
अखबार ने कहा है कि विकसित देशों में भी कोरोना से हुई मौतों के सही आंकड़ें नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में भारत में सही आंकड़ें मिलना वाकई में एक 'रहस्य' जैसे दिखाई पड़ रहा है। अखबार ने लिखा है कि जब तक किसी भी देश में सही आंकड़े न मिले, तब तक कोरोना से लड़ना आसान नहीं हो पाएगा।
मुंबई में हुई मौतें अखबार ने लिखा कि मुंबई में पिछले साल मई में 6832 लोगों की मौत हुई थी। वहीं इस साल मई में 12,963 मौतें हुई। अखबार ने लिखा कि इस साल मुंबई में 6131 अतिरिक्त लोगों की मौतें हुई। जबकि सिर्फ 2269 मौतों को कोरोना से हुई मौतों की लिस्ट में जोड़ा गया है। सामान्य दिनों में मौतें नहीं होती रिपोर्ट पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट के. श्रीनाथ रेड्डी ने कहा है कि भारत में नॉर्मल दिनों में 20 प्रतिशत मौतों को रिपोर्ट नहीं किया जाता है। ऐसे में माना जा सकता है कि कोरोना से हुई मौतें ऑफिशियल आंकड़ों से अधिक ही होंगी।
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