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देश में लॉकडाउन के बीच कुछ ऐसा है रेडियो इंडस्ट्री का हाल

रेडियो अपनी शुरुआत के समय से ही लोगों के अच्छे-बुरे सभी तरह के दौर का साथी रहा है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago

रेडियो अपनी शुरुआत के समय से ही लोगों के अच्छे-बुरे सभी तरह के दौर का साथी रहा है। यह एक ऐसा माध्यम है, जिसकी पहुंच गांवों से लेकर बड़े शहरों समेत पूरे देश में है। हाल ही में ‘AZ Research Partners Pvt. Ltd’ द्वारा की गई एक रिसर्च के अनुसार, कोरोनावायरस (कोविड-19) के दौरान करीब 82 प्रतिशत आबादी का झुकाव रेडियो की तरफ हुआ है। सैंपल के तौर पर इस रिसर्च में 18 साल की उम्र से अधिक के करीब 3300 लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें पता चला कि एफएम चैनलों के साथ रेडियो सूचना के दूसरे सबसे ज्यादा विश्वसनीय स्रोत के रूप में उभर रहा है। रिसर्च के अनुसार, रेडियो का क्रेडिबिलिटी स्कोर 6.27 है, जो इंटरनेट के बाद दूसरे नंबर पर है। इंटरनेट का क्रेडिबिलिटी स्कोर 6.44 और टीवी का 5.74 है।  

वास्तव में रेडियो के श्रोताओं की संख्या 51 मिलियन है, जो टीवी दर्शकों की संख्या (56 मिलियन) के लगभग बराबर है, वहीं सोशल मीडिया की पहुंच 57 मिलियन लोगों तक है। इस रिसर्च में यह भी बताया गया है कि रेडियो के घरेलू श्रोताओं की संख्या में 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह 64 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गई है। लोगों द्वारा रेडियो सुनने में बिताने वाले समय में भी इजाफा हुआ है और यह लॉकडाउन के दौरान 23 प्रतिशत बढ़कर प्रतिदिन 2.36 घंटा हो गया है। यह टीवी के बाद दूसरे नंबर पर है।  

इस बारे में ‘एसोसिएशन ऑफ रेडियो ऑपरेटर्स फॉर इंडिया’ (AROI) की प्रेजिडेंट अनुराधा प्रसाद का कहना है, ‘ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने के लिए रेडियो हमेशा से काफी सशक्त माध्यम रहा है। इस रिसर्च से पता चलता है कि रेडियो का कितना महत्व है, खासकर भारत जैसे देश में। रेडियो के प्रति लगातार लोगों के प्रेम और सपोर्ट के लिए हम उनके बहुत आभारी हैं। ऐसे मुश्किल समय में भी हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास जारी रखेंगे।’

इस रिसर्च के बारे में ‘बिग एफएम’ (Big FM) के सीईओ अब्राहम थॉमस का कहना है, ‘रिसर्च के नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुरूप आए हैं, क्योंकि कोरोनावायरस जैसी महामारी के फैलने के बाद से लोगों द्वारा हमारे कंटेंट के प्रति प्रतिक्रिया और जुड़ाव के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। हम अपने श्रोताओं को धन्यवाद देते हैं और उन्हें एंटरटेन करने के साथ ही सूचनाएं देना जारी रखेंगे और मिलकर कोरोना के खिलाफ इस जंग को जीतेंगे। मेरा मानना है कि यह रेडियो का सबसे अच्छा समय है।’

वहीं, ‘रेडियो सिटी’ (Radio City) के सीईओ अशित कुकियन का इस रिसर्च के निष्कर्षों के बारे में कहना है, ‘रेडियो की जबसे शुरुआत हुई है, तब से इसकी पहुंच काफी रही है और इस तक लोगों की पहुंच काफी आसान रही है। रिसर्च के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि रेडियो इन माध्यमों में शुमार है, जिसमें लोगों को स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर जागरूक करने की क्षमता है।’

‘एचटी मीडिया’ और ‘नेक्स्ट मीडियावर्क्स लिमिटेड’ के सीईओ (रेडियो एंड एंटरटेनमेंट) हर्षद जैन का कहना है, ‘कोविड-19 का प्रकोप पूरी दुनिया में फैल चुका है, ऐसे में एंटरटेनमेंट मीडियम्स की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। एक महत्वपूर्ण माध्यम होने के नाते रेडियो पर न केवल श्रोताओं के मनोरंजन की जिम्मेदारी है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि लोगों तक सही और वास्तविक जानकारी पहुंचे। इस कठिन दौर में कोरोनोवायरस के खिलाफ जंग को जीतने के लिए पूरी रेडियो इंडस्ट्री एक साथ खड़ी है।’

‘एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया लिमिटेड’ (ENIL) के एमडी और सीईओ प्रशांत पांडे का कहना है, ‘मुझे यह जानकर काफी खुशी है कि लॉकडाउन के दौरान रेडियो श्रोताओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस बात में कोई आश्चर्य नहीं है कि रेडियो के दौरान रोजाना लोगों को काफी उपयोगी इंफॉर्मेशन दी जा रही है। एडवर्टाइजर्स के लिए रेडियो हमेशा से एक सशक्त माध्यम रहा है।’

‘रेडियो एफएम’ और ‘मैजिक एफएम’ की डायरेक्टर और सीओओ निशा नारायरणन का कहना है, ‘रेडियो बहुत बड़ी भूमिका निभाता रहा है, यह भाषाई और जातीय विविधता को एकजुट करने और सभी पृष्ठभूमि के लोगों को अपने साथ जोड़ने में सक्षम रहा है। नए निष्कर्षों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह दर्शकों को संदेश देने के लिए एक प्रभावशाली और विश्वसनीय माध्यम है। हम अपने उन सभी श्रोताओं का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं, जिन्होंने हमारा सपोर्ट किया है और रेडियो की ताकत में भरोसा जताया है।’


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