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मध्य प्रदेश में अमर उजाला के 'सत्ता का संग्राम' की शुरुआत: जानिए क्या है खास!

मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत बुधवार 25 अक्तूबर को मुरैना से हो चुकी है। 26 अक्तूबर को चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' ग्वालियर में था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अमर उजाला डिजिटल ने अपनी टीम ग्राउंड पर उतार दी है। हर चुनाव में कवरेज के लिए अमर उजाला डिजिटल अपना चुनावी रथ भेजता है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' खासा चर्चा में रहा था। अब इसे मध्य प्रदेश भेजा गया है।

मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत बुधवार 25 अक्तूबर को मुरैना से हो चुकी है। 26 अक्तूबर को चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' ग्वालियर में था। यह चुनावी रथ तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर मध्य प्रदेश की 120 से ज्यादा सीटों को कवर करेगा। राजस्थान में भी 'सत्ता का संग्राम' की यात्रा जल्द ही शुरू होगी।

'सत्ता का संग्राम' की संकल्पना अपने आप में विशेष तरह की है। इसके तहत अमर उजाला की डिजिटल टीम सुबह 'चाय पर चर्चा' कर जनता के मन की बात जानने की कोशिश करती है। चुनावों में युवा वोटरों की अहम भूमिका को देखते हुए 'युवाओं की बात' को जगह दी जाती है और उनसे जुड़े मुद्दों को जानने की कोशिश होती है।

इसके बाद 'आधी आबादी की सोच' में महिला वोटरों से बातचीत की जाती है। रोजाना शाम पांच बजे स्थानीय नेताओं के साथ लाइव चर्चा होती है।

ये सभी शो अमर उजाला के यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/c/amarujala और साथ ही फेसबुक पेज https://www.facebook.com/Amarujala पर देखे जा सकते हैं।

इस बारे में अमर उजाला डिजिटल के संपादक और कंटेंट हेड जयदीप कर्णिक बताते हैं कि सियासत के बदलते रंगों की जमीन पर जाकर पड़ताल करना और उसे जनता से जुड़े मुद्दों की कसौटी पर परखना वास्तविक पत्रकारिता का हिस्सा है। अक्सर यह देखने में आया है कि जैसे-जैसे चुनावी रंग चढ़ता जाता है, मीडिया का कवरेज सिर्फ नेताओं के बयानों, रैलियों और उनके वार-पलटवार पर केंद्रित हो जाता है।

मीडिया कवरेज में इसकी अपनी एक जगह है, लेकिन हम असल मुद्दों से ध्यान नहीं भटका सकते। नेताओं पर केंद्रित चुनाव कवरेज के पुराने तरीकों को बदलने के लिए ही अमर उजाला ने कुछ साल पहले 'सत्ता का संग्राम' की संकल्पना की थी। दिनभर के तीन शो में हम लगातार वोटरों के जरिए उनके मुद्दों की बात करते हैं और आखिर में चौथे शो में उन सवालों को स्थानीय नेताओं के सामने रखते हैं। इस तरह अमर उजाला आपको एक मंच देता है, जहां मतदाता अपनी बात रख सकते हैं ताकि जब नेता प्रचार करने आएं तो उन्हें जमीनी मुद्दे भी याद रहें।


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