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सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन पर बोले ब्रजेश मिश्रा,अप्रतिम संघर्ष की दास्तां सबको बताई जाए
वो असाधारण हैं। अद्वितीय हैं। देश के लिए रोल मॉडल हैं। वो प्रेरणा देते हैं कि कठिन वक्त में मनुष्य को कैसे धैर्य के साथ हालात का सामना करना चाहिए।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 10 months ago
उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं। उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि बचाए गए प्रत्येक श्रमिक को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने एक्स पर पोस्ट कर अपने मन की बात कही है। उन्होंने लिखा, जिंदगी जीत गई। मौत को फिर मात मिली। वो न उपदेशक थे, न कोई तपस्वी। लेकिन उनकी एकाग्रता। जिजीविषा। धैर्य। विश्वास। शांत मन। और समंदर जैसी आशाएं। हिमालय जैसा ऊंचा मनोबल था उनका। वो जीवंत उदाहरण बन गए हैं कि जब हालत बिल्कुल खिलाफ हों, मौत झपटने को बेकरार हो, तब एक शांत दिमाग और धैर्य किस तरह से जिंदगी की जंग जीत लेता है। वो असाधारण हैं। अद्वितीय हैं। देश के लिए रोल मॉडल हैं। वो प्रेरणा देते हैं किकठिन वक्त में मनुष्य को कैसे धैर्य के साथ हालात का सामना करना चाहिए।
राहत और बचाव कार्य में लगे कर्मवीर भी उतने ही अद्भुत थे। हर चुनौती का सामना किया। नाकाम होते रहे लेकिन कोशिशों को जारी रखा और अंत में ना-मुमकिन मिशन को मुमकिन करके दिखाया। राज्य और केंद्र सरकार, एजेंसियां, परिजन सभी अभिनंदन के पात्र हैं। एक साथ मिलकर ये देश सब कुछ हासिल कर सकता है। ये श्रमिक बंधु आज वो सिखा गए जो किसी किताब में नहीं मिलेगा और किसी कोर्स में पढ़ाया भी नही गया होगा। इनके अप्रतिम संघर्ष की दास्तां सबको बताई जानी चाहिए।
ज़िंदगी जीत गई। मौत की फिर मात मिली। वो न उपदेशक थे न कोई तपस्वी। लेकिन उनकी एकाग्रता। जिजीविषा। धैर्य। विश्वास। शांत मन। और समंदर जैसी आशाएं। हिमालय जैसा ऊंचा मनोबल था उनका। वो जीवंत उदाहरण बन गए हैं की जब हालत बिल्कुल खिलाफ हों, मौत झपटने को बेकरार हो तब एक शांत दिमाग और धैर्य… pic.twitter.com/gWg4AhlE8j
— Brajesh Misra (@brajeshlive) November 28, 2023
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