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शायर मुनव्वर राणा के निधन पर बोले ब्रजेश मिश्रा, उनकी कविताओं में थी निर्भीक बयानबाजी
मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में इलाज के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 months ago
उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राणा इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में इलाज के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि राणा पिछले कई महीनों से लंबी बीमारी से जूझ रहे थे और पीजीआई अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वह किडनी और दिल से जुड़ी बीमारियों से ग्रसित थे। उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट की और उन्हें याद किया।
उन्होंने लिखा, वह सरस्वती पुत्र थे। अद्वितीय प्रतिभा से भरे हुए। उनके शेर, उनकी नज़्म। उनकी मासूम सी मुस्कराहट के पीछे छिपे शहद वाले तंज। क्या नायाब शख्सियत थी राणा साहब की। सहमति असहमति के दौर में उन्हे कुछ लोगों ने बुरा समझा लेकिन वो इस देश की बेमिसाल धरोहर हैं। उर्दू जुबान का अपने दौर का सबसे बड़ा शायर। वो अब यादों में हैं। बातों में हैं। महफिलों में हैं। किस्सों में हैं। आसुओं में हैं। लखनऊ में मुनव्वर राणा की रूह बाकी है जो सदा यहीं रहेगी। लेकिन फिर भी मुनव्वर राणा भाई आपकी कमी बहुत खलेगी।
बता दें कि मुनव्वर राणा एक मशहूर उर्दू कवि थे और उन्होंने कई ग़जलें लिखीं हैं। बेबाक और निर्भीक बयानबाजी उनकी कविताओं में भी झलकती थी। 2014 में उर्दू साहित्य के लिए मिले साहित्य अकादमी पुरस्कार को उन्होंने यह कहकर ठुकरा दिया था कि देश में असहिष्णुता बढ़ती जा रही है।
वो सरस्वती पुत्र थे। अद्वितीय प्रतिभा से भरे हुए। उनके शेर, उनकी नज़्म। उनकी मासूम सी मुस्कराहट के पीछे छिपे शहद वाले तंज। क्या नायाब शख्सियत थी राणा साहब की। सहमति असहमति के दौर में उन्हे कुछ लोगों ने बुरा समझा लेकिन वो इस देश की बेमिसाल धरोहर हैं। उर्दू जुबान का अपने दौर का… pic.twitter.com/HAkLD28ajX
— Brajesh Misra (@brajeshlive) January 14, 2024
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