होम / सोशल मीडिया / बार-बार याचिका दायर करने पर दिल्ली HC ने फेसबुक को लगायी फटकार
बार-बार याचिका दायर करने पर दिल्ली HC ने फेसबुक को लगायी फटकार
इस मामले में फेसबुक की याचिका तीसरी बार खारिज हुई है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने फटकार लगाते हुए कहा कि ‘मुकदमा दायर करने के अवसरों’ का कुछ अंत होना चाहिए।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago
दिल्ली हाई कोर्ट ने फेसबुक इंडिया की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा अपनी कंपनी वॉट्सऐप की 2021 की निजता नीति (प्राइवेसी पॉलिसी) की जांच के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
बता दें कि इस मामले में कंपनी की याचिका तीसरी बार खारिज हुई है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने फटकार लगाते हुए और यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि ‘मुकदमा दायर करने के अवसरों’ का कुछ अंत होना चाहिए।
फेसबुक इंडिया ने अगस्त में हाई कोर्ट की एक खंडपीठ द्वारा संबंधित मामले में अपील को खारिज करने के बाद एकल न्यायाधीश की पीठ का रुख किया था।
खंडपीठ ने 25 अगस्त को वॉट्सऐप और फेसबुक की उन अपीलों को खारिज कर दिया था, जो सीसीआई के आदेश से की जा रही जांच को चुनौती देने के अनुरोध को खारिज करने विरोध में दायर की गई थी।
इस मामले की ताजा सुनवाई में न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि सीसीआई जांच को चुनौती देने वाली फेसबुक इंक की याचिका को खंडपीठ पहले ही खारिज कर चुकी है।
हाई कोर्ट ने याचिका निरस्त करते कहा, ‘आप अब अचानक उठे और आदेश को चुनौती दें रहे हैं। अब बहुत हो गया है। ‘मुकदमेबाजी के लिए अवसरों’ का कुछ अंत होना चाहिए।’
पिछले साल अप्रैल में, हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश की पीठ ने सीसीआई द्वारा निर्देशित जांच को रोकने से इनकार कर दिया था और वॉट्सऐप और फेसबुक (अब ‘मेटा’) की याचिका खारिज कर दी थी।
जनवरी 2021 में वॉट्सऐप की नई निजता नीति (प्राइवेसी पॉलिसी) की सीसीआई ने जांच की घोषणा की थी और कहा था कि इस नीति के जरिए वॉट्सऐप यूजर्स का ऐसा डेटा जमा कर सकता है, जिसका उपयोग भारत में बाजार की स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने में हो सकता है।
इस पर वॉट्सऐप का कहना था कि सीसीआई यह जांच नहीं कर सकता, नीति भी अभी लागू नहीं की जा रही है। इसके लिए भारत का डेटा संरक्षण कानून बनने और संबंधित मामलों में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेशों का इंतजार किया जाएगा।
फेसबुक का तर्क था कि यह जांच सीसीआई का क्षेत्र नहीं है, भले ही उसे कंपनियों के खिलाफ कोई ठोस सामग्री प्रथम दृष्टया मिली हो।
सीसीआई का पक्ष था कि वह कंपनी की निजता नीति की नहीं, बल्कि वॉट्सऐप व फेसबुक द्वारा यूजर्स की जानकारियों को स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के आरोपों की जांच कर रहा है।
टैग्स दिल्ली हाई कोर्ट फेसबुक इंडिया सीसीआई भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग