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समलैंगिक शादी को फिलहाल मान्यता नहीं, निधि राजदान ने कही ये बड़ी बात
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को समलैंगिकों के अधिकारों के लिए उचित कदम उठाने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 11 months ago
समलैंगिक विवाह से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया है। समलैंगिक समुदाय को कोर्ट के फैसले से झटका लगा है। समलैंगिक शादी को मान्यता देने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे संसद के जिम्मे बढ़ा दिया है। CJI ने कहा कि यह संसद के अधिकार क्षेत्र का मामला है।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने इस मामले पर 10 दिनों की सुनवाई के बाद 11 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, 'गोद लेने के अधिकार और गैर-भेदभाव पर सामान्य जोर जैसे कुछ कदमों को छोड़कर, आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला निराशाजनक है। इस मुद्दे को सरकार और एक सरकारी समिति को सौंपना केवल दोष मढ़ना है और इसे सड़क पर फेंकना है, यहां तक कि गोद लेने का अधिकार भी नहीं है। अधिकांश जज सहमत नहीं थे।'
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'यौन रुझान के आधार पर किसी को संघ में प्रवेश के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। केंद्र और राज्य सरकारें इस बात का ध्यान रखें कि समलैंगिक समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह का भेदभाव न हो।'
Barring some steps like adoption rights and the general emphasis on non discrimination, today’s SC judgement is a disappointment. Handing over the issue to the govt and a govt committee is just passing the buck and kicking it down the road
— Nidhi Razdan (@Nidhi) October 17, 2023
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