होम / सोशल मीडिया / इस वजह से मुसीबत में आया गूगल, भरना पड़ सकता है भारी भरकम जुर्माना
इस वजह से मुसीबत में आया गूगल, भरना पड़ सकता है भारी भरकम जुर्माना
हम छोटी से छोटी जानकारी हासिल करने के लिए भी गूगल का इस्तेमाल करने लगे है, लेकिन अब यही गूगल एक बड़ी मुसीबत में फंस गया है
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 years ago
वर्तमान समय में गूगल हम सबका एक सहायक बन गया है और हो भी क्यों न, हम छोटी से छोटी जानकारी हासिल करने के लिए भी गूगल का इस्तेमाल करने लगे है लेकिन अब यही गूगल एक बड़ी मुसीबत में फंस गया है जिसके कारण इसे लगभग 36,369 करोड़ रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
दरअसल हाल ही में एक अमेरिकी नागरिक ने गूगल पर केस किया है। उसका कहना है कि गूगल अपने क्रोम ब्राउजर के जरिए इनकॉग्निटो मोड में भी लोगों को जानकारी एकत्र कर रहा है।
दरअसल जब आप गूगल पर कोई भी सर्च करते है तो ब्राउजर आपकी हर हरकत को रिकॉर्ड करता है। वो हर उस Key Word को भी सेव करता है जिसे आपने सर्च किया है।
आप अगर आपने आपकी सर्च हिस्ट्री या वाच हिस्ट्री को डिलीट नहीं किया तो कोई भी आपके द्वारा देखी गई जानकारी को हासिल कर सकता है। इसके अलावा आप जो भी गूगल पर देख रहे है वो पूरा डाटा गूगल के सर्वर में भी सुरक्षित रहता है। इसे तकनीक की भाषा में कुकीज सेव करना भी कहते हैं।
लेकिन इनकॉग्निटो मोड इससे बिल्कुल अलग है। इसे आप एक तरह से प्राइवेट ब्राउजिंग कह सकते है। इसे सबसे पहले एपल के सफारी ब्राउजर में साल 2015 में आजमाया गया था।
गूगल भी इसी मोड में ब्राउज़िंग करने की सुविधा देता है। जब आप इनकॉग्निटो मोड में कुछ भी देखते है या सर्च करते है तो ये आपकी सर्च हिस्ट्री में नहीं आता है। आप जो कुछ भी देख रहे है या सर्च कर रहे है वो आपके विंडो क्लोज करते ही अपने आप डिलीट हो जाता है और इसलिए ही इसे प्राइवेट या सेफ ब्राउजिंग कहा जाता है।
दरअसल इनकॉग्निटो मोड में लोग कई कारणों से ब्राउजिंग करते है मसलन अपनी निजी जानकारी को छिपाने के लिए या पासवर्ड हैकर से बचने के लिए भी लोग ऐसा करते है। इसके पीछे एक यह भी तर्क दिया जाता है की गूगल आपकी सर्च हिस्ट्री और key Word के आधार पर ही आपको विज्ञापन दिखाता है।
आपको बताते चले, इस मामले पर गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी इस दावे को करीब से देख रही है और वह अपना बचाव सख्ती से करेगी।
टैग्स गूगल क्रोम ब्राउजर इनकॉग्निटो मोड