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हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था हुई बदहाल, सुशांत सिन्हा ने राहुल गांधी से की ये बड़ी मांग
अब इससे पहले कि लोगों का विश्वास उनकी जाति जनगणना और 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी' वाले नारे से भी उठने लगे उन्हें तुरंत कर्नाटक में इसे लागू कर देना चाहिए।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 month ago
कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश भारी आर्थिक संकट में फंस गया है। आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि 2 लाख कर्मचारी सितम्बर महीने में अपनी सैलरी का इंतजार कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनरों को अगस्त महीने की सैलरी सितम्बर माह के 3 दिन होने के बाद भी नहीं मिली है।
इस बीच पत्रकार और एंकर सुशांत सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी से एक मांग की है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से लिखा, राहुल गांधी की खटाखट जैसी दूसरी क्रांतिकारी योजनाओं का ट्रेलर तो हिमाचल प्रदेश की बदहाल अर्थव्यवस्था में दिखने लगा है।
अब इससे पहले कि लोगों का विश्वास उनकी जाति जनगणना और 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी' वाले नारे से भी उठने लगे उन्हें तुरंत कर्नाटक में इसे लागू कर देना चाहिए। सरकार भी कांग्रेस की है, जातिगत जनगणना ऑलरेडी वहां हो रखी है.. कोई दिक्कत ही नहीं है।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रिमंडल तक, हर सरकारी विभाग तक में उस जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के हिसाब से जिसकी जितनी संख्या पाई गई है उसकी हिस्सेदारी तय कर दें। देश को भी समझ आ जाएगा कि कर्नाटक वाला फॉर्मूला देश में लागू करना है या नहीं। तो कब हो रहा है ये?
आपको बता दे, हिमाचल प्रदेश पर वर्तमान में ₹88,000 करोड़ से भी अधिक का कर्ज है। कांग्रेस सरकार ने बीते डेढ़ वर्ष में ही लगभग ₹19,000 करोड़ का कर्ज राज्य पर चढ़ाया है।
राहुल गांधी की खटाखट जैसी दूसरी क्रांतिकारी योजनाओं का ट्रेलर तो हिमाचल प्रदेश की बदहाल अर्थव्यवस्था में दिखने लगा है। अब इससे पहले कि लोगों का विश्वास उनकी जाति जनगणना और 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी' वाले नारे से भी उठने लगे उन्हें तुरंत कर्नाटक में इसे लागू…
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) September 5, 2024
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