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कौम के लिए इतना ही प्रेम हैं तो लेबनान जाइये: दीपक चौरसिया
हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद हिंदुस्तान में जो लोग और राजनीतिक दल मातम मना रहे हैं वो उस वक्त कहां थे, जब कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम किया जा रहा था?
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 week ago
श्रीनगर से सांसद और जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता रुहुल्ला मेंहदी ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत पर शोक जताते हुए चुनाव प्रचार रोक दिया है। उन्होंने हसन नसरल्लाह की मौत को बड़ा नुकसान बताया है। इज़राइल द्वारा शुक्रवार को दक्षिण बेरूत पर हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को मारने की घोषणा के बाद से भारत में भी जगह जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर इन विरोध प्रदर्शन की निंदा की और पूछा कि हिन्दुओं के कत्लेआम पर ऐसा प्रदर्शन क्यों नहीं होता है? उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, खाओ यहां की और गाओ हसन नसरल्लाह जैसे आतंकवादियों की।
हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद हिंदुस्तान में जो लोग और राजनीतिक दल मातम मना रहे हैं वो उस वक्त कहां थे, जब कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम किया जा रहा था? वो लोग उस वक्त कहां थे जब बांगलादेश में हिंदूओं का नरसंहार किया जा रहा था।
अगर कौम के लिए इतना ही प्रेम हैं तो जाइये लेबनान,गाज़ा और यमन। चले जाइये और इजराइल के खिलाफ युद्ध लड़िए। ये तमाम लोग 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमले को भूल जाते हैं, लेकिन जब काउंटर अटैक होता है तो चिल्लाने लगते हैं।
आपको बता दे, हिजबुल्लाह के चीफ सैय्यद हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद तेहरान में हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद ईरान के सर्वोच्च लीडर अली खामेनेई को सुरक्षित ठिकाने पर शिफ्ट कर दिया गया है।
खाओ यहां की और गाओ हसन नसरल्लाह जैसे आतंकवादियों की. हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद हिंदुस्तान में जो लोग और राजनीतिक दल मातम मना रहे हैं वो उस वक्त कहां थे, जब कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम किया जा रहा था और वो लोग उस वक्त कहां थे जब बांगलादेश में हिंदूओं का…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) September 30, 2024
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