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कनाडा के साथ ही अमेरिका से भी सावधान रहे भारत: राजीव सचान

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल कर उसके नागरिकों पर हमला करने का आरोप लगाया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 16 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 16 October, 2024
rajeevksachan


भारत और कनाडा के रिश्तों में एक बार फिर कड़वाहट देखने को मिल रही है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल कर उसके नागरिकों पर हमला करने का आरोप लगाया है।

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर जांच में भारतीय राजनयिकों को जोड़ने पर भारत ने सख्त रुख दिखाया है। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और भारत सरकार को अमेरिका से भी सावधान रहने की बात कही है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, भारत को कनाडा के साथ ही अमेरिका से भी सावधान रहना चाहिए। वह भी खालिस्तानी आतंकियों को वैसे ही भारत के खिलाफ मोहरा बना रहा है, जैसे कनाडा। सावधान दुनिया भर के सिखों को भी रहना चाहिए, क्योंकि खालिस्तानी उनकी छवि खराब करने का काम कर रहे हैं।

खालिस्तानी और कुछ नहीं, पगड़ीधारी जिहादी ही हैं। आपको बता दें, भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है और कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित करने का भी फैसला किया। भारत सरकार ने इन्हें 19 अक्टूबर की रात 12 बजे तक भारत छोड़ने को कहा है।

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भारतीय राजनीति बुरी तरह जातिवाद से विदग्ध है: समीर चौगांवकर

लोकसभा चुनाव की तरह महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ 48 सीटों के उप चुनाव में भी जाति का बोलबाला रहने वाला हैं। कारण भारतीय समाज पूरी तरह जातिवादी है।

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Published - Wednesday, 16 October, 2024
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Wednesday, 16 October, 2024
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चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। वहीं, 48 सीटों के उप चुनाव की भी घोषणा कर दी गई है। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को आएंगे। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर का मानना है कि चुनावों में जाति का बोलबाला रहने वाला है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और लिखा, लोकसभा चुनाव की तरह महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ 48 सीटों के उप चुनाव में भी जाति का बोलबाला रहने वाला हैं। कारण भारतीय समाज पूरी तरह जातिवादी है और इस कारण भारतीय राजनीति बुरी तरह जातिवाद से विदग्ध है।

नेता जानते है कि राजनीति में जाति की जकड़न बहुत बड़ी है,और भारतीय राजनीति में कामयाब होने के लिए जातिविहीनता के आदर्शवाद से नहीं, बल्कि जातिगत गर्व के यथार्थवाद से मदद मिलेगी। ऐसा भी नहीं कि जाति की राजनीति इस देश में कोई अपराध है।

बहुत सारी पार्टियां जातिगत पहचानों की राजनीति करती हैं। मंडल, कमंडल की लंबी चलीखदबदाहट के बीच भारतीय राजनीति में जातियों की अपरिहार्यता बढती चली गई है। लेकिन पिछड़ी जातियों के ऐतिहासिक हितों की नुमाइंदगी की तरह राजनीति एक बात है और जातिगत गुरूर का राजनीति दूसरी बात।

भारतीय राजनीति में दोनों बातें हो रही हैं। एक तरफ़ पिछड़ा हितों की गोलबंदी भी चल रही है और दूसरी तरफ़ अगड़े अहंकार की घेराबंदी भी। फ़िलहाल भारतीय राजनीति को इससे मुक्ति नहीं हैं। आपको बता दें, महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म होगा। झारखंड की बात करें तो राज्य में विधानसभा का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को समाप्त होने वाला है।

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झारखंड में इस बार दो चरणों में मतदान: अवधेश कुमार ने कही ये बड़ी बात

राज्य गठन के बाद अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें तीन बार पांच चरण में और एक बार तीन चरण में वोट डाले गए थे।

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Published - Wednesday, 16 October, 2024
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Wednesday, 16 October, 2024
avdheshkumar

झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरण में होंगे। 13 नवंबर को पहले फेज की वोटिंग होगी, जिसमें 43 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। दूसरे फेज की वोटिंग 20 नवंबर को होगी, जिसमें 38 सीट पर वोट डाले जाएंगे। 23 नवंबर को काउंटिंग होगी और नतीजे आएंगे। जबसे झारखंड राज्य बना है, उसके बाद यह पहली बार है जब चुनाव दो चरण में होंगे।

इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और चुनाव आयोग की तारीफ़ की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, चुनाव आयोग ने 2019 में झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसम्बर तक पांच चरणों में चुनाव कराया था। इस बार दो चरणों में मतदान होगा। महाराष्ट्र में एक चरण।

लोकसभा चुनाव में सात चरणों को लेकर आयोग की आलोचना हुई थी। भारत जैसे देश में अब दो-तीन को छोड़ दें तो ज्यादातर राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति संतोषजनक है। हमारे पास इतने सुरक्षा बल एवं अन्य संसाधन हैं कि कम चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं।

आपको बता दें, राज्य गठन के बाद झारखंड में पहली बार विधानसभा का चुनाव दो चरण में हो रहा है। राज्य गठन के बाद अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें तीन बार पांच चरण में और एक बार तीन चरण में वोट डाले गए थे।

इस बार दो चरण में ही 81 विधानसभा सीटों पर मतदान होने वाला है। भारत निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में 2 करोड़ लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें एक करोड़ 29 लाख महिला और एक करोड़ 31 लाख पुरुष मतदाता शामिल है।

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इस मसले पर बोले प्रणव सिरोही: आधुनिक समर नीति में 'सब कुछ जायज' है

वैसे भी चाणक्य नीति में शत्रु से पार पाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद तो आधुनिक समर नीति में 'जंग में सब कुछ जायज' है, जैसे सिद्धांत को स्वीकार्यता मिल चुकी है।

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Published - Wednesday, 16 October, 2024
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Wednesday, 16 October, 2024
pranavsirohi

भारत और कनाडा के संबंध ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच गए हैं। कनाडा ने आरोप लगाया है कि उसकी धरती पर मौजूद भारतीय एजेंट खालिस्तान समर्थक तत्वों को निशाना बनाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

संयोग से ये आरोप ऐसे समय सामने आए हैं, जब लॉरेंस बिश्नोई गैंग एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए चर्चा में है। इस मामले पर पत्रकार प्रणव सिरोही ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, पता नहीं कि विदेश में 'अज्ञात व्यक्ति' वाले मामले से लारेंस बिश्नोई ग्रुप का कोई जुड़ाव है या नहीं और यह सही भी है या गलत, लेकिन सच यही है कि स्टेट यानी देश को तमाम (विरोधी) नॉन-स्टेट इलीमेंट्स की चुनौती झेलनी पड़ती है और ऐसी सभी चुनौतियों की काट कानूनी-नैतिक दायरे में रहकर नहीं की जा सकती है।

वैसे भी चाणक्य नीति में शत्रु से पार पाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद तो आधुनिक समर नीति में 'जंग में सब कुछ जायज' है, जैसे सिद्धांत को स्वीकार्यता मिल चुकी है। शिवाजी महाराज का भी सिद्धांत रहा कि छिपे हुए दुश्मनों से छापामार तरीके से ही निपटा जाता है।

आपको बता दें, ये पहली बार नहीं है जब कनाडा ने इस तरह सबूत पेश किए बिना आरोप पर आरोप लगाए हैं। निज्जर हत्याकांड में भी कनाडा अब तक कोई सबूत पेश नहीं कर सकी है लेकिन उसने ये जरूर कह दिया कि उसको मारने में भारतीय एजेंटों की भूमिका है। जिसके बाद भारत सरकार ने कनाडा के इस बयान को मनगढ़ंत बताया था।

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चित्रा त्रिपाठी की छवि को धूमिल करने का प्रयास, एंकर ने कही कानूनी कार्रवाई करने की बात

पिछले 18 सालों में चित्रा त्रिपाठी ने हर जगह अपनी शर्तों पर नौकरी की है। लोगों का प्यार मिला और उन्होंने मुझे देश का बड़ा पत्रकार बना दिया।

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Published - Wednesday, 16 October, 2024
Last Modified:
Wednesday, 16 October, 2024
abpnewschitra

हाल ही में 'आजतक' को छोड़कर 'एबीपी समूह' से जुड़ी एंकर चित्रा त्रिपाठी की छवि को सोशल मीडिया के माध्यम से धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। एक्स पर निगार परवीन नाम की एक यूजर ने लिखा कि चित्रा त्रिपाठी को 'आजतक' से टीआरपी न लाने के लिए निकाला गया था और 'एबीपी न्यूज' में भी उन पर वही दबाब है।

निगार की इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए चित्रा त्रिपाठी ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, बीते 18 सालों में चित्रा त्रिपाठी ने हर जगह अपनी शर्तों पर नौकरी की है। लोगों का प्यार मिला और उन्होंने मुझे देश का बड़ा पत्रकार बना दिया।

एक छोटे से शहर की बेहद सामान्य परिवार की लड़की एबीपी न्यूज़ जैसे चैनल में वाइस प्रेसिंडेट कैसे बन गई? ये बात लोगों को हज़म नहीं हो रही है। जिस दिन आजतक छोड़ा था उस दिन सुबह से रात तक 10 घंटे की एक ही दिन में एंकरिंग की थी, जो मेरा पैशन है। मेरा शो लगातार TRP का नंबर 1 शो रहा है।

आजतक के लोग मेरा बहुत सम्मान और प्यार करते हैं। जीवन में किसी भी व्यक्ति को बड़े मौक़े हमेशा नहीं मिलते, जब मिलें तो अपनी क़ाबिलियत पर भरोसा रखकर उसे स्वीकार करना चाहिये। आप एक महिला है, दूसरी महिला से जलें मत, बल्कि बराबरी करने के लिये मेहनत करे।

इस ट्वीट की शुरू की दो लाइन आप हटा दें, वरना एक बड़े चैनल की एंकर की छवि ख़राब करने के लिये मैं आप पर लीगल कारवाई करूंगी। मुझे नौकरी से कहां से निकाला गया है? मेरे बारे में इस तरह की बातें करके किसके इशारे पर आप मुझे बदनाम कर रही हैं? माफ़ी मांगे, ट्वीट डिलीट करें, वरना अपने उपर लीगल कारवाई के लिये तैयार रहें।

 

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अमित शाह हरियाणा के पर्यवेक्षक नियुक्त, अखिलेश शर्मा ने कही ये बड़ी बात

हरियाणा की ऐतिहासिक जीत कितनी महत्वपूर्ण और बड़ी है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगता है कि विधायक दल की बैठक के लिए बतौर पर्यवेक्षक स्वयं गृह मंत्री अमित शाह जा रहे हैं।

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Published - Tuesday, 15 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 15 October, 2024
amitshah

भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को हरियाणा भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया है, जो हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पार्टी का सीएम चेहरा घोषित किया गया था।

इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, बीजेपी के लिए हरियाणा की ऐतिहासिक जीत कितनी महत्वपूर्ण और बड़ी है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगता है कि विधायक दल की बैठक के लिए बतौर पर्यवेक्षक स्वयं गृह मंत्री अमित शाह जा रहे हैं।

2022 में यूपी के बाद ऐसा पहली बार होगा जब नए मुख्यमंत्री का चयन सीधे गृह मंत्री की निगरानी में होगा। राज्य में बाज़ी पलटने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई और अब उनका इस बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में जाना एक बड़ा राजनीतिक संदेश है।

इस बैठक में नायब सिंह सैनी को फिर से विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने की औपचारिकता पूरी होगी। आपको बता दें, हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में BJP ने तीसरी बार जीत हासिल की है। चुनाव के नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए गए थे। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में BJP को 48 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस ने 37 सीटें जीतीं।

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भारत-कनाडा संबंध बद से बदतर होते जा रहे हैं: भूपेंद्र चौबे

कनाडा की सरकार ने निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगाए थे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कनाडाई सरकार पर आरोपों के सबूत शेयर ना करने की बात भी कही।

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Published - Tuesday, 15 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 15 October, 2024
bhupendrachaube

कनाडा से तनाव के बीच भारत ने वहां से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनायिकों को वापस बुला लिया है जबकि दिल्ली में कनाडा के छह डिप्लोमैट को भारत ने निष्कासित कर दिया है। कनाडा की सरकार ने निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगाए थे और तब से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।

विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कनाडाई सरकार पर आरोपों के सबूत शेयर ना करने की बात भी कही। वहीं वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, कनाडा को भारत का जवाब टॉप क्लास था।

भारत-कनाडा संबंध बद से बदतर होते जा रहे हैं। एक तरफ तो दिलजीत दोसांझ से स्टेडियम भरे जा रहे हैं और कनाडा में अन्य शीर्ष भारतीय कलाकार। दूसरी ओर ट्रूडो पूरी तरह से वोट बैंक उन्मुख राजनीति कर रहे हैं। आपको बता दें, सितंबर 2023 में, ट्रूडो ने भारत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए भारतीय एजेंटों को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल बताया गया था।

भारत ने इस तरह के आरोपों को साफ तौर पर 'मोटिवेटेड' करार दिया था। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो का कहना है कि यह कोई विकल्प नहीं है जो कनाडा ने कनाडा-भारत संबंधों में तनाव पैदा करने के लिए चुना गया है। भारत एक महत्वपूर्ण लोकतंत्र है।

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जस्टिन ट्रूडो कर रहे कूटनीति के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन: आदित्य राज

भारत ने कनाडा से उच्चायुक्त को वापस बुला लिया। भारत कनाडा से अपने और कई अफसरों को वापस बुलाएगा। विदेश मंत्रालय ने आरोपों के पीछे ट्रूडो सरकार का पॉलिटिकल एजेंडा करार दिया।

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Published - Tuesday, 15 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 15 October, 2024
canada

खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा के बयान पर भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। इनमें कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर, उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, सचिव मैरी कैथरीन जोली, सचिव लैन रॉस डेविड ट्राइट्स, सचिव एडम जेम्स चुइपका और सचिव पाउला ओर जुएला को 19 अक्टूबर की रात या उससे पहले भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज का यह मानना है कि कनाडा के पीएम नियमों का पालन करने में सक्षम नहीं दिखाई दे रहे है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, यदि आपको लगता है कि भारत-कनाडा संबंध पहले से ही सबसे खराब स्थिति में हैं, तो अगले कुछ दिनों/हफ़्तों पर नज़र रखें।

कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो वैश्विक दक्षिण में नियम आधारित व्यवस्था का प्रचार करते हैं और स्वयं गैंगस्टरों और आतंकवादियों का पक्ष लेकर लोकतंत्र और कूटनीति के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं। आपको बता दें, इससे पहले भारत ने कनाडा से उच्चायुक्त को वापस बुला लिया।

भारत कनाडा से अपने और कई अफसरों को वापस बुलाएगा। विदेश मंत्रालय ने आरोपों के पीछे ट्रूडो सरकार का पॉलिटिकल एजेंडा करार दिया और कहा कि ये भारत को बदनाम करने की एक सोची-समझी रणनीति है।

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आगामी महाराष्ट्र चुनाव में लचर कानून व्यवस्था होगा बड़ा मुद्दा: दीपक चौरसिया

महाराष्‍ट्र के कांग्रेस नेताओं की सोमवार यानी आज दिल्‍ली में राहुल गांधी से मुलाकात होनी है। वहीं बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

Last Modified:
Monday, 14 October, 2024
deepak

महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनावों में अब कुछ ही वक्‍त बचा है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। महाराष्‍ट्र के कांग्रेस नेताओं की सोमवार यानी आज दिल्‍ली में राहुल गांधी से मुलाकात होनी है। वहीं बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट करके बताया है कि आगामी चुनाव में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा होने वाला है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, बाबा सिद्दीकी की सनसनीखेज हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम आने के बाद सलमान खान के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई।

बाबा सिद्दीकी सलमान के खास दोस्त थे, बड़ी बात ये रही कि काले हिरण के मामले में बाबा सिद्दीकी हमेशा सलमान खान के साथ खड़े रहे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस हत्याकांड में मोहम्मद जीशान अख्तर नाम के एक और शख्स का नाम सामने आया है, जीशान अख्तर ही वह शख्स है जो गुरमेल बलजीत सिंह, धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा नाम के तीनों सूत्रों को लॉजिस्टिक सपोट के साथ-साथ बाबा सिद्दीकी की हर एक जानकारी दे रहा था।

मुंबई पुलिस ने खुलासा किया है कि जीशान अख्तर जेल में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लोगों के संपर्क में आया था। फिलहाल मुंबई पुलिस ने अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि 2 अभी भी फरार हैं। ऐसे में बाबा सिद्दकी की हत्या के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब लचर कानून व्यवस्था सबसे बड़े मुद्दे के तौर पर रहने वाला है।

 

 

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बाबा सिद्दीकी से किया ये वादा अब नहीं निभा पाऊंगा: रजत शर्मा

मुंबई पुलिस ने बताया कि चौथे आरोपी का नाम मोहम्मद जीशान अख्तर है। इस बीच राजकीय सम्मान के साथ एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया है।

Last Modified:
Monday, 14 October, 2024
rajatsharma

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वहीं, बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. चौथे आरोपी की भी पहचान हो गई है। तीन शूटर के अलावा उन्हें निर्देश देने वाले संदिग्ध की पहचान की गई है। मुंबई पुलिस ने बताया कि चौथे आरोपी का नाम मोहम्मद जीशान अख्तर है।

इस बीच राजकीय सम्मान के साथ एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया है। सिद्दीकी की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में राजनेता, बॉलीवुड हस्तियां और उनके हजारों समर्थक शामिल हुए। वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने भी सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और बाबा सिद्दीकी को याद किया।

उन्होंने एक्स हैंडल से लिखा, बाबा सिद्दीकी की हत्या ने स्तब्ध कर दिया। ये क्या हो रहा है? कौन है इसके पीछे? मैं बाबा को बरसों से जानता था। वो प्यार लुटाने वाला इंसान था। उसको कोई क्यों मारेगा? बाबा के पास अच्छी खासी सिक्योरिटी थी? अब क्या मतलब रह गया सिक्योरिटी का? मैंने बाबा से वादा किया था, इस बार ईद पर मिलने ज़रूर आऊंगा. अब ये वादा कभी नहीं निभा पाऊंगा।

आपको बता दे, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के दो शूटर यूपी के बहराइच से हैं। धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा आरोपी हैं। इनमें से शिवा फरार है, जबकि धर्मराज को मुंबई पुलिस ने पकड़ लिया है।

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पंचतत्व में विलीन हुए रतन टाटा, 'थलाइवा' रजनीकांत ने दी भावुक विदाई

एक महान दिग्गज व्यक्ति जिन्होंने अपनी दूरदर्शिता और जुनून से भारत को वर्ल्ड मैप पर पहुचान दिलाई। वह व्यक्ति जिसने हजारों उद्योगपतियों को प्रेरित किया।

Last Modified:
Friday, 11 October, 2024
rajnikant

रतन टाटा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग श्मशान घाट पहुंचे थे। इससे पहले एनसीपीए पार्क में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।

साउथ मेगास्टार रजनीकांत ने भी रतन टाटा को याद किया है। उन्होंने टाटा के एक तस्वीर शेयर करते हुए उनके साथ बिताए गए पलों को याद किया है। उन्होंने लिखा, एक महान दिग्गज व्यक्ति जिन्होंने अपनी दूरदर्शिता और जुनून से भारत को वर्ल्ड मैप पर पहुचान दिलाई।

वह व्यक्ति जिसने हजारों उद्योगपतियों को प्रेरित किया। वह व्यक्ति जिसने कई पीढ़ियों के लिए लाखों नौकरियां पैदा कीं। वह व्यक्ति जिसे सभी प्यार करते थे और सम्मान देते थे। उन्हें मेरा शत-शत नमन। मैं इस महान आत्मा के साथ बिताए हर पल को हमेशा संजो कर रखूंगा।

भारत का एक सच्चा बेटा अब हमारे बीच नहीं रहा। आपको बता दें, दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार को 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें इस हफ्ते तबीयत बिगड़ने के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा के निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है।

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