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भारतीय उद्योग जगत सदैव रतन नवल टाटा का ऋणी रहेगा: प्रणव सिरोही
उन्होंने टाटा समूह का दायरा दुनिया भर में फैलाया। उनके दौर में ही विदेश से होने वाली आय ने समूह के भारतीय कारोबार से होने वाले योगदान को पीछे छोड़ा।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 day ago
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 साल के थे। दो दिन पहले मीडिया में उनके बीमार होने की खबर आई थी, हालांकि उन्होंने एक पोस्ट में कहा था कि वे ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे।
उनके निधन पर पत्रकार प्रणव सिरोही ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और उन्हें याद किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, भारतीय उद्यमों को नई आकांक्षाओं के पंख लगाने वाले नवोन्मेषी उद्यमी रतन नवल टाटा को अंतिम नमन। उपलब्धियों का अंबार लगाकर वह एक समृद्ध विरासत पीछे छोड़ गए।
भारतीय उद्योग जगत सदैव उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने टाटा समूह का दायरा दुनिया भर में फैलाया। उनके दौर में ही विदेश से होने वाली आय ने समूह के भारतीय कारोबार से होने वाले योगदान को पीछे छोड़ा। मध्य वर्ग के लिए लखटकिया कार का सपना पूरा करने के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा दिया।
दिग्गज टी ब्रांड टेटली से लेकर भीमकाय स्टील कंपनी कोरस स्टील का सफल अधिग्रहण किया, जबकि कोरस उस समय दुनिया की दस सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में शामिल थी। (शायद छठी सबसे बड़ी थी) उनके दौर में ही आइकॉनिक ब्रिटिश आटो ब्रांड जगुआर लैंड रोवर-जेएलआर का भी अधिग्रहण टाटा मोटर्स ने किया।
एविएशन इंडस्ट्री से दोबारा समूह को जोड़ा। पहले एयर एशिया के साथ और फिर सिंगापुर एयरलाइंस के साथ विस्तारा शुरू की। और अंततः एयर इंडिया के अधिग्रहण में भी सफल रहे। जो कभी टाटा का ही हिस्सा थी। तनिष्क से लेकर टाइटन और टीसीएस से लेकर ट्रेंट। फैशन, रिटेल और आइटी क्रांति के अगुआ बने।
नए दौर के उद्यमों में बिग बास्केट से लेकर टाटा 1mg और अर्बन लैडर में निवेश कर भविष्य को साधने की दिशा में कदम बढ़ाए। टाटा संस में सबसे बड़े एकल अंशधारक परिवार से साइरस मिस्त्री को पहले अपना उत्तराधिकारी बनाया और फिर हटाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। और एन. चंद्रशेखरन के रूप में पहली बार किसी पेशेवर को टाटा समूह का चेयरमैन बनाया। आप जहां रहोगे, उस जहान को रोशन ही करोगे सर। विनम्र श्रद्धांजलि।
भारतीय उद्यमों को नई आकांक्षाओं के पंख लगाने वाले नवोन्मेषी उद्यमी रतन नवल टाटा को अंतिम नमन। उपलब्धियों का अंबार लगाकर वह एक समृद्ध विरासत पीछे छोड़ गए। भारतीय उद्योग जगत सदैव उनका ऋणी रहेगा।
— Pranav Sirohi (@pranavsirohi) October 9, 2024
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