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जस्टिस कौल की जम्मू-कश्मीर पर भावुक टिप्पणी, राहुल शिवशंकर ने कही 'मन की बात'
अनुच्छेद 370 पर लिखे गए अपने अलग फैसले में जस्टिस कौल ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर अत्यंत भावुक टिप्पणी की है, जिसमें उनका दर्द साफ झलकता है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 months ago
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर दिए अपने फैसले में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कश्मीरी पंडितों के पलायन का जिक्र करते हुए 1980 से राज्य में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर एक सत्य और सुलह आयोग बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि सच से ही सुलह का रास्ता निकलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह आयोग कोर्ट आफ कमीशन के रूप में काम नहीं करेगा।
इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने 'एक्स' हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, 'न्यायमूर्ति कौल ने कश्मीरी हिंदुओं के उत्पीड़न को संबोधित करने के लिए "सच्चाई और सुलह आयोग" स्थापित करने का आह्वान किया। ये स्वागत योग्य शब्द हैं। लेकिन क्या यह विडंबना नहीं है कि न्यायमूर्ति कौल और वर्तमान सीजेआई चंद्रचूड़ दोनों ने एक बार जम्मू-कश्मीर में हिंदू नरसंहार की जांच की मांग को यह कहकर खारिज कर दिया था: "कोई मामला नहीं बनता है"। बिना जांच के "सच्चाई" कैसे सामने आ सकती है और न्याय के बिना "सुलह" कैसे हो सकती है?'
आपको बता दें कि श्रीनगर के मूल निवासी जस्टिस कौल स्वयं भी कश्मीरी ब्राह्मण हैं। इसी महीने 25 तारीख को वह सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने लिखा है कि आतंक के चलते राज्य के पुरुषों-महिलाओं एवं बच्चों ने बहुत कुछ झेला है। इसे भुलाकर आगे बढ़ने के लिए जख्मों को ठीक करने की जरूरत है।
Justice Kaul calls for setting up a "Truth and Reconciliation Commission" to address the persecution of Kashmiri Hindus. These are welcome words. But isn't it ironic that Justice Kaul and the now CJI Chadrachud both had once dismissed the demand to probe the Hindu genocide in J&K…
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) December 11, 2023
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