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सीताराम येचुरी के निधन पर बोलीं मारिया शकील, वामपंथी आंदोलन ने एक दिग्गज खो दिया
वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 weeks ago
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। निमोनिया की शिकायत होने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 25 दिन से उनका इलाज चल रहा था। परिवार ने अस्पताल को CPI(M) नेता की बॉडी डोनेट की है।
वे तीन बार पार्टी के महासचिव रहे थे। सीताराम येचुरी के निधन पर पत्रकार और एंकर मारिया शकील ने भी शोक प्रकट किया और एक बड़ा सवाल भी खड़ा किया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, अतीत में कई मौकों पर वामपंथी दिग्गजों के साथ कवर करने, साक्षात्कार करने और बातचीत करने का अवसर मिला।
भारत के सबसे मिलनसार और मिलनसार राजनेताओं में से एक, सीताराम येचुरी को हमेशा प्रखर वक्तृत्व और बौद्धिक कठोरता के लिए याद किया जाएगा। भारत के वामपंथी आंदोलन ने एक दिग्गज खो दिया है। इसका भारत की वामपंथी राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
आपको बता दें कि सीताराम येचुरी ने 10वीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बीए (ऑनर्स) किया।
Had the opportunity to cover, interview and interact with the left veteran on multiple occasions in the past. One of the most affable and accommodative politicians of India, #sitaramyechuri will always be remembered for sharp oratory and intellectual rigour. India’s Left movement… pic.twitter.com/7Hy11HBt6M
— Marya Shakil (@maryashakil) September 12, 2024
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