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शरीअत की दुहाई देकर मुस्लिम समाज का हुआ बेहद नुकसान: कमर वहीद नकवी
मौलाना अरशद मदनी ने समान नागरिक संहिता पर कहा कि हमें कोई ऐसा कानून स्वीकार्य नहीं है जो शरीयत के खिलाफ हो।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 months ago
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के राज्य सरकार के फैसले पर जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मौलाना अरशद मदनी ने समान नागरिक संहिता पर कहा कि हमें कोई ऐसा कानून स्वीकार्य नहीं है जो शरीयत के खिलाफ हो, क्योंकि मुसलमान हर चीज से समझौता कर सकता है, लेकिन शरीयत से नहीं।
उनके इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी ने अपने 'एक्स' हैंडल से एक पोस्ट कर अपने मन की बात कहीं है। उन्होंने लिखा, 'मोहतरम मदनी साहब, UCC के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई आप जीत नहीं पायेंगे क्योंकि ख़ुद सुप्रीम कोर्ट पहले कई बार UCC लाये जाने को कह चुका है। अनुसूचित जनजाति वाला तर्क भी ज़्यादा ठहर नहीं पायेगा। आपको तो यह चिंता करनी चाहिए कि UCC में प्रगतिशील प्रावधान हों ताकि मुसलमानों का भला हो।
शरीअत की दुहाई देकर अब तक मुसलिम समाज का भारी नुक़सान किया जा चुका है। शाहबानो के मामले में आप लोगों की बेजा ज़िद ने कितना बड़ा नुक़सान किया है, यह आप लोगों को अब तक समझ में नहीं आया। मेहरबानी करके अब आप मुसलमानों की भलाई के बारे में सोचना शुरू करें। अपनी सोच बदलें।'
आपको बता दें कि मौलाना मदनी ने कहा कि हमें संविधान की धारा 25 और 26 के तहत धार्मिक आज़ादी क्यों नहीं दी जा सकती? देखा जाए तो समान नागरिक संहिता मौलिक अधिकारों को नकारती है।
मोहतरम मदनी साहब, #UCC के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई आप जीत नहीं पायेंगे क्योंकि ख़ुद सुप्रीम कोर्ट पहले कई बार UCC लाये जाने को कह चुका है। अनुसूचित जनजाति वाला तर्क भी ज़्यादा ठहर नहीं पायेगा। आपको तो यह चिंता करनी चाहिए कि UCC में प्रगतिशील प्रावधान हों ताकि मुसलमानों का भला हो। https://t.co/aWxsNGrv1P
— Qamar Waheed Naqvi (@qwnaqvi) February 6, 2024
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