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मायावती के इस बयान पर बोले राजीव सचान, क्या ऐसा साहस बाकी नेताओं में है?
मायावती के इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और इसे साहसिक बयान बताया।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 months ago
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने हाथरस भगदड़ में 121 मौतों के लिए जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने इस घटना को अत्यंत चिंताजनक बताते हुए लोगों से अंधविश्वास और पाखंडवाद का शिकार न बनने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि किसी के बहकावे में आकर अपनी मुश्किलों को नहीं बढ़ाएं।
मायावती के इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और इसे साहसिक बयान बताया। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, क्या ऐसा कुछ कहने का साहस खुद को लिबरल, सेक्युलर, प्रगतिशील कहने और खासकर संविधान की प्रतियां लहराने वाले नेताओं में है?
आस्था के नाम पर अंधविश्वास का खुला प्रचार- प्रसार अपने देश की एक बड़ी गंभीर समस्या है। इसके खिलाफ बोलने के बजाय हमारे नेता वोट बैंक के लालच में अंधविश्वास फैलाने वालों के समक्ष नतमस्तक होना पसंद करते हैं, जबकि जनसामान्य में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 ए के तहत मौलिक कर्तव्यों में से एक है।
आपको बता दे, बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लगातार तीन पोस्ट की और लिखा, देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखण्डवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए।
क्या ऐसा कुछ कहने का साहस खुद को लिबरल, सेक्युलर, प्रगतिशील कहने और खासकर संविधान की प्रतियां लहराने वाले नेताओं में है?
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) July 6, 2024
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