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जिस कानून पर हुआ बवाल, लोग नहीं ले रहे उसका लाभ: मिलिंद खांडेकर
राज्य की बराक घाटी में इस संबंध में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कई हिंदू बंगाली परिवारों को सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 months ago
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को बताया कि राज्य से अब तक केवल आठ लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया है। राज्य की बराक घाटी में इस संबंध में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कई हिंदू बंगाली परिवारों को सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने आवेदन करने से इनकार कर दिया।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, 2019 में क़ानून में संशोधन हुआ। 2024 में नागरिकता मिलना शुरू हुई। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान से 2014 से पहले आने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी को नागरिकता मिल सकती है।
मुस्लिम इस दायरे से बाहर है। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। केंद्र सरकार ने मई में बताया था कि 300 से ज़्यादा लोगों को नागरिकता मिली है। सवाल बना हुआ है कि जिस क़ानून पर इतना बवाल हुआ उसका लाभ लेने के लिए लोग सामने क्यों नहीं आ रहे हैं?
आपको बता दे, कई हिंदू बंगाली परिवारों को सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन नहीं करना बल्कि वे विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण (एफटी) में अपना मामला लड़ना चाहते है।
CAA क़ानून में नागरिकता पाने के लिए असम में अब तक सिर्फ़ 8 अर्ज़ियाँ आयी है- मुख्यमंत्री, असम (TOI) ? pic.twitter.com/G2zqlFrjRu
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) July 16, 2024
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