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सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय पर बोले राजीव सचान, प्रशांत भूषण एंड कंपनी है विघ्नसंतोषी
सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डाले गए वोटों का वीवीपीएटी से पूर्ण पुन:सत्यापन कराने संबंधी याचिकाओं पर कल अपना फैसला सुनाया और याचिकाएं खारिज कर दी।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 5 months ago
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डाले गए वोटों का वीवीपीएटी से पूर्ण पुन:सत्यापन कराने संबंधी याचिकाओं पर कल अपना फैसला सुनाया और याचिकाएं खारिज कर दीं।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'पहले वोटर को यह नहीं दिखता था कि उसका वोट पसंदीदा प्रत्याशी को गया या नहीं? यह दिखाने के लिए पहले वीवीपैट की व्यवस्था की गई।
फिर प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा के एक बूथ की ईवीएम से मिले नतीजों का मिलान वीवीपैट से किया जाने लगा। इसके बाद यह काम एक के बजाय पांच बूथ पर होने लगा। इस मिलान में केवल एक बार अंतर मिला और वह भी मानवीय भूल के चलते, फिर भी प्रशांत भूषण एंड कंपनी को चैन नहीं। यह तय है कि उनके जैसे विघ्नसंतोषी फिर किसी बहाने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।'
आपको बता दें कि मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवार चाहे तो चुनाव परिणाम घोषित होने के सात दिन के भीतर रिजल्ट की दोबारा जांच की मांग कर सकता है। ऐसी स्थिति में माइक्रो कंटोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियर के द्वारा की जाएगी।
पहले वोटर को यह नहीं दिखता था कि उसका वोट पसंदीदा प्रत्याशी को गया या नहीं? यह दिखाने के लिए पहले वीवीपैट की व्यवस्था की गई। फिर प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा के एक बूथ की ईवीएम से मिले नतीजों का मिलान वीवीपैट से किया जाने लगा। इसके बाद यह काम एक के बजाय पांच बूथ पर होने…
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) April 26, 2024
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