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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के CEO को लिखा पत्र, लगाए ये गंभीर आरोप
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं
समाचार4मीडिया ब्यूरो 4 years ago
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। फेसबुक की राजनीतिक दलों से साठगांठ के आरोपों के बीच उनका ये पत्र काफी अहम है। उन्होंने अपने पत्र में भारत की राजनीतिक प्रक्रिया में फेसबुक के कर्मचारियों के कथित हस्तक्षेप को उजागर किया है।
जुकरबर्ग को भेजे पत्र में रविशंकर प्रसाद ने लिखा कि फेसबुक इंडिया की टीम राजनीतिक विचारधारा के आधार पर भेदभाव करती है और यहां के कर्मचारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि फेसबुक इंडिया की टीम में कई वरिष्ठ अधिकारी एक खास राजनीतिक विचारधारा के समर्थक हैं।
उन्होंने यह भी लिखा कि फेसबुक पर कर्मचारियों का एक समूह अंतरराष्ट्रीय मीडिया के साथ मिलकर भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की छवि को धूमिल कर रहा है और विचारधाराओं के प्रति उसका झुकाव दिखाई दे रहा है।
प्रसाद ने पत्र में लिखा कि साल 2019 के चुनाव से पहले फेसबुक इंडिया मैनेजमेंट ने दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थकों के फेसबुक पेज डिलीट कर दिए या उनकी रीच कम कर दी गई। फेसबुक को ‘ट्रांसनेशनल डिजिटल प्लेटफॉर्म’ कहते हुए प्रसाद ने लिखा कि फेसबुक को संतुलित, निष्पक्ष और विविध विचारधाराओं वाला होना चाहिए। उन्होंने लिखा कि फेसबुक को संतुलित व निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने लिखा कि किसी भी संस्थान में काम करने वाले व्यक्तियों की पसंद और नापसंद हो सकती है, लेकिन एक संस्थान की पब्लिक पॉलिसी पर इसका कोई असर नहीं होना चाहिए।
पत्र में उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं यह बताना चाहता हूं कि हाल ही में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां फेसबुक का उपयोग अराजक और कट्टरपंथी लोगों द्वारा किया गया है, जिसका एकमात्र उद्देश्य सामाजिक व्यवस्था को नष्ट करना, लोगों की भर्ती करना और हिंसा के लिए उन्हें एकत्रित करना रहा है। हालांकि, अभी तक हम ऐसे लोगों के खिलाफ कोई सार्थक कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। क्या इस तरह की हरकत उन्हीं स्वार्थी समूहों द्वारा की गई है, जो भारत में राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं?
पत्र में अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल' के आरोपों को खारिज कर दिया गया, जिसमें दावा किया गया था कि जब चुनावों में कांग्रेस की हार हुई थी तो भारत में फेसबुक के शीर्ष पदाधिकारी अंखी दास ने आंतरिक कार्यालयी संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की थी और कहा था कि यह तीस साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है। खबर में दावा किया गया है कि अंखी दास ने 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत से एक दिन पहले उनके सोशल मीडिया कैंपन को लेकर पोस्ट किया था।
रविशंकर प्रसाद ने लिखा, 'इस मामले को लेकर मैंने कई बार फेसबुक मैनेजमेंट को मेल किया लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं आया। यह कतई स्वीकार नहीं है कि करोड़ों लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर व्यक्ति विशेष की राजनीतिक प्रतिबद्धता को थोपा जाए।'
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