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बिलकिस बानो केस पर सागरिका घोष ने केंद्र और गुजरात सरकार से की ये बड़ी मांग
बिलकिस बानो के रेपिस्टों को रिहा किए जाने के मसले पर कोर्ट ने कहा कि सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 1 year ago
गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप के 11 दोषियों की सजा कम कर उन्हें रिहा किए जाने के गुजरात सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए हैं।
जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने कहा कि सरकार को अपनी ताकत का इस्तेमाल जनहित को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए था और इसी के साथ उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि उन्होंने किस आधार पर दोषियों को रिहा किया। बिलकिस बानो के रेपिस्टों को रिहा किए जाने के मसले पर कोर्ट ने कहा कि ‘सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती’, इसी तरह नरसंहार की तुलना एक हत्या से नहीं की जा सकती।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 मई की तारीख तय की है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने एक ट्वीट कर सरकार से बड़ी मांग की है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के कारणों पर केंद्र और गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट को विवरण देने के लिए अनिच्छुक क्यों हैं? निश्चित रूप से यह "राष्ट्रीय सुरक्षा" का मामला नहीं है बल्कि अपराध की शिकार सभी महिलाओं के लिए जीवन की सुरक्षा है।
आपको बता दें, साल 2002 में बिलकिस के साथ गैंगरेप किया गया था और साथ ही उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
Why is the Centre and the Gujarat govt unwilling to provide the Supreme Court details on what led to the release of the #BilkisBanoCase convicts? Surely this is not a matter of “national security” but security of life for all women who are victims of crime. #BilkisBano
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) April 19, 2023
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