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इस मामले पर बोले शिवकांत, भारत के आर्थिक इंजन दिवालिया कर दिए गए हैं
केंद्र सरकार को उधार सीमा प्रतिबंधों में ढील देने का निर्देश देने की अर्जी खारिज कर दी गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान अतिरिक्त धनराशि उधार लेने की इजाजत नामंजूर कर दी गई।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 6 months ago
केरल के लिए उधार लेने की सीमा निर्धारित करने का मामला सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की संविधान पीठ को भेज दिया है। संविधान पीठ तय करेगी कि क्या केंद्र, राज्यों की उधार लेने की सीमा निर्धारित कर सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से केरल सरकार को राहत नहीं मिली। केंद्र सरकार को उधार सीमा प्रतिबंधों में ढील देने का निर्देश देने की अर्जी खारिज कर दी गई।
इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के दौरान अतिरिक्त धनराशि उधार लेने की इजाजत नामंजूर कर दी गई। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार शिवकांत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, 'केरल को सर्वाधिक प्रवासी और पर्यटन आय मिलती है।
बंगाल अंग्रेजों के जमाने से व्यापार और उद्योग का केंद्र रहा। पंजाब हरित क्रांति और हौजरी का केंद्र था। तीनों भारत के आर्थिक इंजन होने चाहिए पर दिवालिया कर दिए हैं। सब जानते हैं किसने! सर्वोच्च अदालत ने केरल की कर्ज की अपील ठुकरा दी है।'
आपको बता दें कि केंद्र पर राज्य की उधार लेने की सीमा कम करने का आरोप लगाया गया है। केरल सरकार ने कहा है कि डीए, पीएफ, पेंशन देने के लिए पैसे नहीं हैं। वहीं केंद्र ने अपनी ओर से पहले एक हलफनामे में राज्य की उधार लेने की क्षमता की सीमा को सही ठहराया था।
केरल को सर्वाधिक प्रवासी और पर्यटन आय मिलती है! बंगाल अंग्रेजों के जमाने से व्यापार और उद्योग का केंद्र रहा। पंजाब हरित क्रांति और हौजरी का केंद्र था। तीनों भारत के आर्थिक इंजन होने चाहिए पर दिवालिया कर दिए हैं! सब जानते हैं किसने! सर्वोच्च अदालत ने केरल की कर्ज की अपील ठुकरा दी!
— Shiv Kant (@shivkant) April 3, 2024
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