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सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन एक रोमांचक कहानी, बन सकती है फिल्म: भूपेंद्र चौबे
यह बचाव प्रयास भारतीय इतिहास में अब तक के सबसे वीरतापूर्ण प्रयासों में से एक के रूप में जाना जाएगा।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 10 months ago
17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकालने वाला ऑपरेशन सिलक्यारा किसी सुरंग या खदान में फंसे मजदूरों को निकालने वाला देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया है। इससे पहले वर्ष 1989 में पश्चिमी बंगाल की रानीगंज कोयला खदान से दो दिन चले अभियान के बाद 65 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था।
इस पूरे घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, यह बचाव प्रयास भारतीय इतिहास में अब तक के सबसे वीरतापूर्ण प्रयासों में से एक के रूप में जाना जाएगा। मुझे उम्मीद है कि प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता इस कहानी को करीब से देखेंगे। 17 दिनों तक चूहे के बिल वाली सुरंग में फंसे रहने, अरबों लोगों की प्रार्थनाओं और सर्वोच्च आत्म विश्वास/विश्वास के साथ, ऑस्ट्रेलिया का एक चमत्कारिक व्यक्ति, सशस्त्र बलों के सैनिकों की उत्कृष्ट वीरता, कहानी ऐसी है जिसे बार-बार बताया जाना चाहिए।
इस कहानी को धर्म या क्षेत्र के चश्मे से देखना उन लोगों के साथ घोर अन्याय है जिन्होंने वास्तव में वीरता का यह महान कार्य किया। आपको बता दें कि देश-दुनिया के विशेषज्ञों ने दिन-रात एक कर इस अभियान को मुकाम तक पहुंचाया। 13 नवंबर 1989 को पश्चिम बंगाल के महाबीर कोल्यारी रानीगंज कोयला खदान जलमग्न हो गई थी। इसमें 65 मजदूर फंस गए थे। इनको सुरक्षित बाहर निकालने के लिए खनन इंजीनियर जसवंत गिल के नेतृत्व में टीम बनाई गईं थी।
This rescue effort will go in Indian history as one of the most heroic ever. I hope bright film makers look at this story closely. 17 days caught in a rat hole tunnel, only prayers of a billion and supreme self faith / confidence to hold onto, a miracle man from Australia ,… https://t.co/HY5iZUQDCP
— bhupendra chaubey (@bhupendrachaube) November 29, 2023
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