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'टेक्नोलॉजिकल वार' का अंजाम बेहद खतरनाक, सावधान रहे भारत: ब्रजेश मिश्रा
जो बेरूत, लेबनान में हुआ वो कहीं भी हो सकता है। ये एक घातक प्रयोग था। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अगर हथियार की तरह इस्तेमाल किए जायेंगे तो इसके दायरे में सुरक्षित कोई नहीं है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 3 weeks ago
लेबनान में हिज्बुल्लाह के लड़ाकों के पेजर में हुए ब्लास्ट के बाद एक बार फिर वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइसेस वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट किया गया। इसमें 20 लोगों की मौत और 450 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इससे पहले पेजर में सीरियल धमाकों में 12 लोगों की मौत हुई थी और 2700 से अधिक लोग घायल भी हुए थे।
इस पूरे घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, सुरक्षित अब कोई नहीं है। अमेरिका के प्रेसिडेंट से लेकर आम आदमी तक। जो बेरूत, लेबनान में हुआ वो कहीं भी हो सकता है। ये एक घातक प्रयोग था। जिसने दुनिया भर को हिला दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अगर हथियार की तरह इस्तेमाल किए जायेंगे तो इसके दायरे में सुरक्षित कोई नहीं है। खास तौर पर वो जिन्हें खतरे की वजह से ही सुरक्षा मिली हुई है। विदेशी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, राष्ट्रीय सुरक्षा को कभी भी खतरे में डाल सकते हैं। खासकर सभी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, सोलर पैनल, बैटरी और अन्य स्वचालित या कैसे भी उपकरण।
सेना भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करती है और सामान्य नागरिक भी। वीवीआईपी की सुरक्षा में यही उपकरण लगते हैं और आम आदमी के हाथ में भी वही कम्युनिकेशन डिवाइस है। अभी तो इजरायल की खुफिया एजेंसी ने इसका लेबनान पर महज प्रयोग किया है।
लेकिन अगर ये "टेक्नोलॉजिकल वार" दुनिया भर में इस्तेमाल में आ गई तो उसका अंजाम बेहद खतरनाक होगा। ख़ास किस्म की सावधानी भारत को बरतनी पड़ेगी। इंपोर्ट पर कड़ी शर्ते और कठोर निगरानी की जरूरत है। जो अभी प्रचलित सुरक्षा उपकरण हैं उनका तत्काल सिक्योरिटी ऑडिट होना चाहिए।
अब हर देश इंपोर्ट पर कठोर निगरानी तंत्र विकसित करेगा तो निश्चित रूप से ग्लोबल ट्रेड बुरी तरह से प्रभावित होगा। और इसकी जायज वजह भी है की कोई भी मुल्क अपने नागरिकों के हाथ में चलते फिरते फोन को, बम नहीं बनने देना चाहेगा। ये नेक्स्ट जेनरेशन वार है। जिसे इंसान नहीं बल्कि सिर्फ तकनीक लड़ेगी, जिसके लिए बॉर्डर कोई बाधा नहीं।
सुरक्षित अब कोई नहीं है।
— Brajesh Misra (@brajeshlive) September 19, 2024
अमेरिका के प्रेसिडेंट से लेकर आम आदमी तक।
जो बेरूत, लेबनान में हुआ वो कहीं भी हो सकता है।
ये एक घातक प्रयोग था। जिसने दुनिया भर को हिला दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अगर हथियार की तरह इस्तेमाल किए जायेंगे तो इसके दायरे में सुरक्षित कोई नहीं है। खास… pic.twitter.com/VBiF6aSaIc
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