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राम से ही नक्षत्र, ग्रह और काल की गति है: अमिताभ अग्निहोत्री
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में भाग न लेने का निर्णय राम मूर्ति की स्थापना के दौरान स्थापित परंपराओं का पालन न करना है।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 months ago
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने स्पष्ट किया है कि अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में भाग न लेने का निर्णय राम मूर्ति की स्थापना के दौरान स्थापित परंपराओं का पालन न करना है।
दरअसल, बीते 13 जनवरी को शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने इस समारोह में भाग नहीं लेने के अपने रुख को दोहराते हुए कहा था कि धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में राजनीतिक हस्तक्षेप उचित नहीं है और यहां तक कि संविधान भी इसकी अनुमति नहीं देता है।
इस विवाद पर वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने अपने डिबेट शो में अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा, 'श्री राम से नक्षत्र, काल और ग्रह की गति है। वो सर्वशक्तिमान हैं। राम की कृपा से ही कालपुरुष है। राम का मुहूर्त क्या अब बाबा संन्यासी निकालेंगे?'
उन्होंने आगे कहा कि जब प्रभु श्री राम प्रकट हुए थे तो तब कौनसा मुहूर्त निकालकर प्रकट हुए थे? उन्होंने तुलसीदास जी का हवाला देते हुए कहा कि जब श्री राम प्रकट हुए तो अपने आप ही तिथि, वार, क्षण सब उत्तम हो गए थे। ऐसे में इस प्रकार के विवाद खड़े करना देश और उसकी सभ्यता के लिए ठीक नहीं है।
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— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) January 19, 2024
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