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लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार का यू-टर्न, राजीव सचान ने कही ये बड़ी बात
लोकसभा चुनावों में आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी पहले ही काफी नुकसान करवा चुकी है ऐसे में पार्टी ने इसे और तूल नहीं देने का निर्णय लिया।
समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 months ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्र सरकार में लेटरल एंट्री पर रोक लगा दी गई है। यूपीएससी से कहा गया है कि वो लेटरल एंट्री से नियुक्ति न करे। लेटरल एंट्री में आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस पार्टी ने उठाया जिसके बाद एनडीए के सहयोगियों जेडीयू और एलजेपी ने भी आपत्ति जताई।
लोकसभा चुनावों में आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी पहले ही काफी नुकसान करवा चुकी है ऐसे में पार्टी ने इसे और तूल नहीं देने का निर्णय लिया। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार न तो विपक्ष की संभावित प्रतिक्रिया का अनुमान लगा सकी और न ही अपने सहयोगी दलों को साथ ले सकी। उसे जिस तरह अपने कदम खींचने पड़े, उससे एक मजबूत सरकार की उसकी छवि को धक्का लगा है और इसके लिए वही जिम्मेदार है।'
आपको बता दें कि हाल ही में यूपीएससी ने केंद्र सरकार के विभिन्न स्तरों पर 'लेटरल एंट्री' के लिए विज्ञापन जारी किया था। कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन प्रीति सूदन को पत्र लिखकर कहा है कि इस नीति को लागू करने में सामाजिक न्याय और आरक्षण का ध्यान रखा जाना चाहिए।
लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार न तो विपक्ष की संभावित प्रतिक्रिया का अनुमान लगा सकी और न ही अपने सहयोगी दलों को साथ ले सकी। उसे जिस तरह अपने कदम खींचने पड़े, उससे एक मजबूत सरकार की उसकी छवि को धक्का लगा है और इसके लिए वही जिम्मेदार है।
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) August 20, 2024
टैग्स नरेंद्र मोदी यूपीएससी जितेंद्र सिंह चिराग पासवान प्रीति सूदन लैटरल एंट्री में आरक्षण