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यह खबर पढ़कर आप भी मान जाएंगे सोशल मीडिया की ताकत
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। सोशल मीडिया का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। आखिर हो भी क्यों न, जब यह तमाम सूचनाएं व विचार शेयर करने के साथ लोगों की तमाम तरह से मदद जो कर रहा है, ऐसे में लोगों का इससे जुड़ना स्वभाविक है। हाल ही में सोशल मीडिया ने वह कर दिखाया, जो इतने सालों में नहीं हो पाया। दरअसल, सोशल मीडिया की बदौलत ही मां-बाप स
समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। सोशल मीडिया का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। आखिर हो भी क्यों न, जब यह तमाम सूचनाएं व विचार शेयर करने के साथ लोगों की तमाम तरह से मदद जो कर रहा है, ऐसे में लोगों का इससे जुड़ना स्वभाविक है। हाल ही में सोशल मीडिया ने वह कर दिखाया, जो इतने सालों में नहीं हो पाया। दरअसल, सोशल मीडिया की बदौलत ही मां-बाप से बिछड़ा बच्चा 13 साल बाद उनसे पास पहुंच पाया। दिल्ली के नागलोई का रहने वाला नौशाद करीब 13 साल पूर्व छह साल की उम्र में घर से भाग गया था। भटकते-भटकते वह उत्तर प्रदेश के खीरी में मैलानी कस्बे में पहुंच गया। मैलानी में 13 वर्षों के दौरान नौशाद ने यहां के कई होटलों में काम किया। इस दौरान ग्राहकों की डांट-फटकार भी खानी पड़ी। कई बार जिंदगी पर रोने का मन हुआ तो वह फूट-फूटकर भी रोया। नौशाद को लखीमपुरखीरी में रहने के दौरान जब भी अम्मी- अब्बू की याद आती, वह तड़प उठता। उसे इतना याद था कि वह दिल्ली का रहने वाला है। इस उम्मीद में कि उसकी अम्मी से शायद मुलाकात हो जाए, इसलिए वह कई बार दिल्ली आया। नौशाद की कहानी सुनकर कस्बा निवासी अमित अरोड़ा व अन्य युवाओं ने उसकी तस्वीर खींचकर व्हाट्स ऐप और फेसबुक के ग्रुप में शेयर करनी शुरू कर दीं। इन पोस्टों में यह अपील की जाती थी कि यह बच्चा दिल्ली का रहने वाला है। कई सालों से बिछड़ा है। इसके बारे में कोई जानकारी मिले तो जरूर शेयर करें। इस बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर चलाने वालों को भी उस चमत्कार का अंदाजा नहीं था, जो बुधवार को हो गया। दिल्ली में गुमशुदा बच्चों के लिए काम करने वाली किसी संस्था ने फेसबुक और वाट्स एप पर नौशाद के बारे में पढ़ा तो इसकी सूचना परिवारीजनों को दी। परिवारीजनों ने अमित अरोड़ा से संपर्क साधा तो नौशाद के पिता इदरीश को यह पुख्ता यकीन हो जाने पर कि मैलानी में उनका ही पुत्र है, वह शमीमा खातून के साथ मैलानी आए। इदरीश और शमीमा खातून ने जब नौशाद को देखा तो रो पड़े। इदरीश ने बताया कि वह नई दिल्ली के नागलोई क्षेत्र के दीनपुर के रहने वाले हैं और नौशाद 13 साल पहले घर से लापता हो गया था। शमीना ने बताया कि वह नौशाद के मिलने की आस छोड़ चुके थे। इतने साल तक बहुत मन्नतें कीं, मजारों पर मत्थे टेके, पर लग रहा था कि नौशाद उनकी सांसे चलने तक नहीं मिलेगा, पर बुधवार को दुआएं कुबूल हो गईं। अम्मी-अब्बू से मुलाकात के दौरान नौशाद का दर्द उसकी बातों के साथ उसकी आंखों से भी झलक रहा था। 13 साल बाद मिली अम्मी ने नौशाद से जैसे ही कहा, 'क्या तुझे ये गलियां याद नहीं आई?' यह सुनकर नौशाद की आंखों से आंसू झलक पड़े। वह बोला, 'मुझे अक्सर ये गलियां तो याद आती थीं, लेकिन ये गलियां कहां हैं? यह याद नहीं था।' समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमेंmail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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