कई सेलेब्रिटीज ऐसे हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पसंद नहीं और वो पुलवामा की घटना के बाद हुई...
समाचार4मीडिया ब्यूरो।।
कई सेलेब्रिटीज ऐसे हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पसंद नहीं और वो पुलवामा की घटना के बाद हुई एयर स्ट्राइक का पूरा क्रेडिट इंडियन एयरफोर्स को दे रहे हैं और वहीं अभिनंदन की पाक से रिहाई का क्रेडिट पूरी तरह पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की ‘गुडविल’ को दे रहे हैं। लेकिन मशहूर एक्ट्रेस हुमा कुरैशी का एक ऐसा ही ट्वीट राष्ट्रवादी पत्रकारों में गिने जाने वाले अमिश देवगन को पसंद नहीं आया। उन्होंने हुमा की ट्विटर पर जमकर क्लास लगाई।
अमिश देवगन ‘जी बिजनेस’ के पूर्व एडिटर हैं और फिलहाल ‘न्यूज 18 इंडिया’ में एग्जिक्यूटिव एडिटर के पद पर हैं और सुपरहिट डिबेट शो 'आर-पार' शो के होस्ट हैं। वे साथ ही ‘नेटवर्क 18’ के हिंदी बिजनेस न्यूज चैनल पर भी डिबेट शो ‘टक्कर’ पेश करते हैं। अमिश ऐसे चुनिंदा टीवी पत्रकार हैं, जो मेनस्ट्रीम न्यूज और बिजनेस न्यूज दोनों पर मजबूत पकड़ रखते हुए रोजाना दोनों चैनलों पर शो करते हैं।
हुमा कुरैशी के जिस ट्वीट पर अमिश देवगन ने ऐतराज किया, पहले वो ट्वीट पढ़िए, ‘’India did the right thing by sending out a message that we will not tolerate terrorism. And Pakistan did the right thing by sending our Hero Wing Cmdr #Abhinandan back home! Let’s hope all leaders of India&Pakistan can figure a way to lead us towards peace #NoTerrorism #NoWar’’।
India did the right thing by sending out a message that we will not tolerate terrorism. And Pakistan did the right thing by sending our Hero Wing Cmdr #Abhinandan back home! Let’s hope all leaders of India&Pakistan can figure a way to lead us towards peace #NoTerrorism #NoWar
— Huma Qureshi (@humasqureshi) February 28, 2019
साफ था देश मे बहुत से लोगों को ये एप्रोच पसंद नहीं आ रही कि अभिनंदन की रिहाई का क्रेडिट पाकिस्तान को दिया जाए, जेनेवा कन्वेंशन के तहत ये होना ही था और सऊदी अरब व अमेरिका का दवाब बनाने के लिए भारत सरकार ने जो मेहनत की, उसको तो क्रेडिट मिला ही नहीं। इमरान खान को हीरो बना दिया गया, ये भी भूल गए कि हमारे 44 जवानों को पाक परस्त आतंकियों ने ही मारा है, एक अभिनंदन के लिए उन 44 की जानों को भूल जाना भी ठीक नहीं।
ऐसे में अमिश देवगन ने हुमा को जवाब में लिखा, ‘’ Are we forcing war or Pakistan is sponsoring terror war from last 40yrs on mynation . Please restrain yourself when you just type a tweet rather than understanding issue . We are fighting terror war from many decades now @narendramodi has decided not to take any more #JaiHind’’।
Are we forcing war or Pakistan is sponsoring terror war from last 40yrs on mynation . Please restrain yourself when you just type a tweet rather than understanding issue . We are fighting terror war from many decades now @narendramodi has decided not to take any more #JaiHind https://t.co/7u4W3K1p5v
— AMISH DEVGAN (@AMISHDEVGAN) March 6, 2019
उसके बाद हुमा कुरैशी ने जवाब में एक टाइप किया हुआ पेज चिपकाया। हालांकि, ये पेज अभी हुमा की टाइम लाइन पर नहीं दिख रहा है, लेकिन अमिश की टाइम लाइन पर जाकर आप देख सकते हैं। जिसमें पहली ही लाइन है- ‘शेम ऑन यू सर’, इस पेज में हुमा ने ये भी लिखा कि आप पीएम मोदी को टैग करके मुझे डराने की कोशिश कर रहे हैं, आप शायद ये सब पब्लिसिटी के लिए कर रहे हैं। तो अमिश ने भी कड़ा जवाब दिया कि पब्लिसिटी वाली बात कहकर तुमने खुद को एक्सपोज कर दिया। हमारा खून खौलता है जब तुम्हारे पीस लवर्स हमारे सैनिकों को मारने के लिए आतंकी भेजते हैं। आतंक के खिलाफ ट्वीट करो, वॉर के खिलाफ नहीं और अपनी पीआर टीम से इसे बेहतरी से समझो।
— Huma Qureshi (@humasqureshi) March 7, 2019
हुमा ने एक और ट्वीट के जरिए ये साबित करने की कोशिश की क्योंकि वो वॉर के खिलाफ हैं और मामले को पूरा नहीं समझती हैं, इसलिए वो पीएम मोदी से और सरकार से रिक्वेस्ट कर रही हैं कि इस मसले को शांतिपूर्ण हल ढूंढें, क्या आप इसीलिए मुझ पर अटैक कर रहें है, क्या आपको इसी से परेशानी है? और इसे बिना बायस के समझिए। तो अमिश देवगन ने जवाब दिया कि पाकिस्तान ने हमारे इतने जवान मार दिए और हम शांतिपूर्ण हल ढूंढें। ये नए दौर का हिंदुस्तान है हुमाजी, घर में घुसेगा भी और मारेगा भी। हालांकि अमिश ये कहना नहीं भूले कि हुमा एक अच्छी एक्ट्रेस हैं। उसके बाद अमिश देवगन ने हुमा कुरैशी को आईना दिखाने की कोशिश करते हुए कुछ ट्वीट और किए।
फिर हुमा को समझाने अशोक पंडित भी मैदान में उतर आए और हुमा के लिए लिखा कि पीस की रिस्वेस्ट मोदी से नहीं, इमरान खाने से करनी चाहिए। शुरुआत पाकिस्तान ने की है, इंडिया ने नहीं और जिन लोगों ने क्राइम किया लेक्चर उनको दो, विक्टिम्स को नहीं। फिलहाल हुमा ने ट्विटर पर इस मसले से ब्रेक ले लिया है, शायद उनको अंदाजा नहीं था कि देश में इस वक्त जो क्रोध उफान पर है, उनकी शांति की ट्वीट और पाकिस्तान की तारीफ इतनी भारी पड़ जाएगी।
देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले इन दिनों तेजी से बढ़ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के जरिए साइबर ठग आसानी से लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' के 115वें एपिसोड में 'डिजिटल अरेस्ट' धोखाधड़ी को लेकर देशवासियों को सावधान किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर धमकी देकर पैसे नहीं मांगती है। इस तरह की धोखाधड़ी में संलिप्त लोग पुलिस, सीबीआई, आरबीआई या नारकोटिक्स अधिकारी बनकर लोगों को डराने की कोशिश करते हैं।
इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर कर लोगों को ठगने वाले किस कदर बेलगाम हो गए हैं, इसका प्रमाण है मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की ओर से इन ठगों के बारे में जनता को आगाह करना, लेकिन सवाल यह है कि हमारी एजेंसियां इन ठगों पर कोई लगाम क्यों नहीं लग पा रही हैं?
आपको बता दें, देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले इन दिनों तेजी से बढ़ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के जरिए साइबर ठग आसानी से लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। कई लोग इसमें फंसकर अपने मेहनत की कमाई गंवा भी चुके हैं। हालांकि, पुलिस और सरकार की ओर से लगातार डिजिटल अरेस्ट से बचने को लेकर कई सुझाव सामने आते रहते हैं।
डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर कर लोगों को ठगने वाले किस कदर बेलगाम हो गए हैं, इसका प्रमाण है मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की ओर से इन ठगों के बारे में जनता को आगाह करना, लेकिन सवाल यह है कि हमारी एजेंसियां इन ठगों पर कोई लगाम क्यों नहीं लग पा रही हैं?
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) October 27, 2024
ये है अहर्निश पत्रकार होना। जाने माने पत्रकार संकेत उपाध्याय और मैं पुणे से लौट रहे थे। मैंने कश्मीर में मारे गये श्रमिकों पर अपनी पोस्ट की चर्चा की।
अमर उजाला समूह के वरिष्ठ सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और स्वतंत्र पत्रकार संकेत उपाध्याय की खुले दिल से तारीफ की। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, ये है अहर्निश पत्रकार होना। जाने माने पत्रकार संकेत उपाध्याय और मैं पुणे से लौट रहे थे।
मैंने कश्मीर में मारे गये श्रमिकों पर अपनी पोस्ट की चर्चा की। संकेत का पत्रकार जाग गया। वहीं हवाई अड्डे पर इस मुद्दे पर मुझसे ये चर्चा रिकॉर्ड कर डाली। जन सरोकार की इस त्वरित पत्रकारिता को सलाम।
आप विनोद अग्निहोत्री और संकेत उपाध्याय के बीच हुई इस बातचीत का वीडियो आप इस लिंक पर क्लिक करके देख और सुन सकते हैं।
जब छात्रों का धड़ा दीपावली मना रहा था तभी मुस्लिम छात्र आए दीयों, रंगोली, मिठाइयों, फूलों को पैरों और गाड़ियों से कुचलते हुए मजहबी उन्माद के नारे लगाने लगे।
दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दिवाली समारोह के लिए एकत्र हुए करीब आधा दर्जन छात्रों को बुधवार को हिरासत में ले लिया। छात्रों पर पुलिस ने लाठिया भांजी। इसके बावजूद छात्र विश्वविद्यालय के बाहर दीपोत्सव मनाने पर अड़े रहे।
दरअसल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिवाली कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपना क्रोध प्रकट किया।
उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, जामिया के हिंदू छात्र अपने कैंपस में दीपावली नहीं मनाएंगे तो और कहां मनाएंगे ? ये सवाल खड़ा हुआ है कल की झड़प के बाद जब छात्रों का धड़ा दीपावली मना रहा था तभी मुस्लिम छात्र आए दीयों, रंगोली, मिठाइयों, फूलों को पैरों और गाड़ियों से कुचलते हुए मजहबी उन्माद के नारे लगाने लगे, सवाल ये है कि क्या वहां ये इसलिए हो रहा है कि वो एक सेंट्रल मुस्लिम यूनिवर्सिटी है?
आपको बता दें, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और अन्य संस्थानों के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े लगभग 30-40 विद्यार्थी बुधवार को 'दीप महोत्सव' मनाने के लिए विश्वविद्यालय के बाहर एकत्र हुए थे। 22 तारीख की रात को प्रशासन से अनुमति लेकर हिंदू छात्र दीप महोत्सव मना रहे थे। तभी वहां पर अन्य समुदाय के विद्यार्थी आ गए। उन्होंने मजहबी नारे लगाए और दीये व रंगोली तोड़ दीं। 23 तारीख को ये छात्र जामिया कैंपस में मंगलवार रात को हुई घटना का विरोध कर रहे थे, तब दिल्ली पुलिस ने कैंपस के बाहर सांकेतिक दीये लगाने की अनुमति दी।
जामिया के हिंदू छात्र अपने कैंपस में दीपावली नहीं मनाएंगे तो और कहां मनाएंगे ? ये सवाल खड़ा हुआ है कल की झड़प के बाद जब छात्रों का धड़ा दीपावली मना रहा था तभी मुस्लिम छात्र आए दीयों, रंगोली, मिठाइयों, फूलों को पैरों और गाड़ियों से कुचलते हुए मजहबी उन्माद के नारे लगाने लगे, सवाल…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) October 23, 2024
दोनों नेताओं की 50 मिनट तक बात हुई। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पाँच साल बाद रूस के कज़ान में बुधवार को ब्रिक्स समिट से अलग द्विपक्षीय मुलाक़ात हुई। कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं की 50 मिनट तक बात हुई। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे।
इस मसले पर बीजेपी के राज्य सभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी डिबेट में अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा, भारत के चीन के साथ रिश्तों की बात है तो ब्रिक्स में जो दिख रहा है। भारत ने आर्थिक कूटनीतिक और राजनीतिक तीनों मुद्दों पर भारत ने PM मोदी जी के नेतृत्व में बहुत कूटनीतिक दक्षता का परिचय दिया है।
पहली बार हुआ है कि भारत में इतनी दृढ़ता के साथ बराबरी से कूटनीति की मेज़ पर आके बातचीत की है। पिछले चार पाँच साल से चल रहा है जिसमें भारत ने चाइना पर अनेक मुद्दों पे सफलता हासिल की है। धारा 370 के मुद्दे पर पाकिस्तान सर के बल खड़ा खड़ा हो गया मगर चीन कुछ नहीं कर पाया।
एमटीसीआर के हम मेंबर बन गये। चीन नहीं रोक पाया। मसूद अज़हर को हमने आतंकवादी घोषित करवा दिया मगर चीन नहीं रोक पाया। शंघाई कारपोरेशन में आतंकवाद का शब्द सामने आया मगर चीन नहीं रोक पाया। इसलिए अब हमारी कूटनीति अप्रोच बिलकुल अलग है।
अब सब देशों के साथ बराबरी के स्तर पर ही बातचीत होती है। आपको बता दें, विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस मुलाक़ात में दोनों नेताओं ने एलएसी से सैनिकों के पीछे हटने और 2020 में जो विवाद शुरू हुआ था, उसे सुलझाने के लिए हुए समझौते का स्वागत किया।
भारत के चीन के साथ रिश्तों की बात है तो ब्रिक्स में जो दिख रहा है भारत ने आर्थिक कूटनीतिक और राजनीतिक तीनों मुद्दों पर भारत ने PM मोदी जी के नेतृत्व में बहुत कूटनीतिक दक्षता का परिचय दिया है।
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) October 23, 2024
पहली बार हुआ है कि भारत में इतनी दृढ़ता के साथ बराबरी से कूटनीति की मेज़ पर आके बातचीत… pic.twitter.com/bQLCRpbCha
पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब दो दिन पहले ही भारत और चीन ने एलएसी पर सभी विवादित बिंदुओं से डिसइंगेजमेंटकी घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। पिछले पांच सालों में दोनों नेताओं के बीच यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी। पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब दो दिन पहले ही भारत और चीन ने एलएसी पर सभी विवादित बिंदुओं से डिसइंगेजमेंटकी घोषणा की है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राहुल कंवल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की है और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, भले ही चीन के साथ मेलजोल कितना भी आगे बढ़ जाए, भारत ने उच्च स्तर की कूटनीतिक निपुणता का प्रदर्शन किया है।
खालिस्तानी आतंकवादियों को अमेरिका और कनाडा के समर्थन के कारण वाशिंगटन और ओटावा के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। इस मोड़ पर, दिल्ली और बीजिंग के बीच हालिया विवाद का पिघलना, भू-राजनीतिक वैकल्पिकता का प्रमाण है, जिसे भारत इस्तेमाल कर सकता है, अगर धक्का लगता है।
भारत सरकार की सबसे बड़ी गलती बीजिंग के साथ कथित मित्रता से प्रभावित होना है। लेकिन बार-बार धोखा मिलने के बाद, इसमें संदेह है कि सरकारी सेवा में कोई भी ड्रैगन की चाल से प्रभावित होगा। आपको बता दें, अमेरिका के दबाव के बावजूद पिछले तीन महीनों में मोदी की रूस की दो यात्राओं ने चीन को समझौते के लिए राजी करने में अहम भूमिका निभाई है।
Regardless of how far the rapprochement with China goes, India has demonstrated high levels of diplomatic dexterity. Relations with Washington and Ottawa have been tense on account of America and Canada’s support of Khalistani terrorists. At this juncture, the recent thaw…
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) October 24, 2024
विपक्ष को कुछ हुआ नहीं है विपक्ष ऐसा ही है। कल्याण बनर्जी ने बोतल फोड़ने की शर्मनाक हरकत की। वह पूर्व लोकसभा में अध्यक्ष के नकल कर मजाक उड़ाते थे।
वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की बैठक के दौरान हंगामें में विवाद बढ़ता जा रहा है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की तरफ से कांच की बोतल तोड़कर अध्यक्ष पर फेंके जाने के एक दिन बाद, पैनल में शामिल तीन भाजपा सांसदों ने इस घटना को 'अभूतपूर्व हिंसा' बताया।
इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने भी एक टीवी डिबेट में अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा, विपक्ष को कुछ हुआ नहीं है विपक्ष ऐसा ही है। कल्याण बनर्जी ने बोतल फोड़ने की शर्मनाक हरकत की। वह पूर्व लोकसभा में अध्यक्ष के नकल कर मजाक उड़ाते थे।
ऐसे लोग अगर संसद में विपक्ष चुनकर भिजवाता है तो इससे पता चलता है कि उसकी मंशा और सोच क्या है। आपको बता दें, वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी बैठक के दौरान मंगलवार को भाजपा और टीएमसी सांसद आपस में भिड़ गए थे।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पीने के पानी के लिए रखी शीशे की बोतल तोड़कर अध्यक्ष जगदंबिका पाल की ओर उछाल दी थी। इसके बाद कल्याण बनर्जी को समिति से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था।
विपक्ष को कुछ हुआ नहीं है विपक्ष ऐसा ही है।। कल्याण बनर्जी ने बोतल फोड़ने की शर्मनाक हरकत की। वह पूर्व लोकसभा में अध्यक्ष के नकल कर मजाक उड़ाते थे। ऐसे लोग अगर संसद में विपक्ष चुनकर भिजवाता है तो इससे पता चलता है कि उसकी मंशा और सोच क्या है। https://t.co/nZCsYqjxEk
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) October 24, 2024
मैंने उन्हें जितना जाना है, जितना देखा है, उनके अंदर एक ग़ज़ब की कूवत है किसी को अपना बना लेने की। वो एक बेहद संवेदनशील इंसान हैं।
कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज वायनाड लोकसभा से नामांकन भर दिया है। राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। इस बीच कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और अपने मन की बात कही।
उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, मेरे लिये एक वो शख़्स, जिनसे मुझे बेहद प्यार है। मतलब बहुत सारा वाला। मैंने उन्हें जितना जाना है, जितना देखा है, उनके अंदर एक ग़ज़ब की कूवत है किसी को अपना बना लेने की। वो एक बेहद संवेदनशील इंसान हैं, लेकिन उतनी ही साहसी भी हैं।
बेहिसाब मेहनती हैं और बेपनाह ज़िंदादिल भी। उनके साथ काम करने में खूब मज़ा आता है। काम कभी बोझिल नहीं लगता। बहुत सारी हंसी-ख़ुशी के साथ काम होता है। अपने परिवार के लिए वह शेरनी की तरह खड़ी रहती हैं और जनता की बुलंद आवाज़ बनकर दुनिया के सामने आती हैं।
मुझे याद है किसी ने उनसे एक बार यूपी में पूछा था कि आप 10 साल पहले राजनीति में क्यों नहीं आयीं? और उन्होंने बेझिझक होकर मुस्कुराते हुए कहा-क्योंकि तब मेरी बेटी 8 साल की थी। नवरात्रि के दौरान एक मंदिर से निकलीं और पत्रकार ने पूछ लिया आपने क्या माँगा? तो बोलीं बताया थोड़े ही जाता है। फिर मुस्कुरा कर बता ही दिया कि अपने बेटे के लिए प्रार्थना की।
आप उनकी पूरी पोस्ट को इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
प्रियंका गांधी
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) October 23, 2024
मेरे लिये एक वो शख़्स, जिनसे मुझे बेहद प्यार है - मतलब बहुत सारा वाला
मैंने उन्हें जितना जाना है, जितना देखा है, उनके अंदर एक ग़ज़ब की कूवत है किसी को अपना बना लेने की
वो एक बेहद संवेदनशील इंसान हैं, लेकिन उतनी ही साहसी भी हैं
बेहिसाब मेहनती हैं और बेपनाह… pic.twitter.com/l9Es5A8lcu
2019 में वर्ली से आदित्य ठाकरे के सामने राज ठाकरे ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का किसी से गठबंधन नहीं होना बीजेपी के लिए फ़ायदेमंद रहेगा।
महाराष्ट्र चुनाव के मद्देनजर एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। एकनाथ शिंदे कोपरी पाचपाखाडी सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी हैं। सीएम शिंदे अपनी परंपरागत सीट कोपड़ी पाचपाखाडी से चुनाव लड़ेंगे। माहिम सीट पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे के सामने सदानंद सरवणकर को उतारा है।
माहिम सीट शिवसेना का गढ़ है। 2009 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने यह सीट जीती थी। वर्ली से आदित्य ठाकरे के सामने कोई उम्मीदवार अभी नही है। बीजेपी यहां से प्रत्याशी उतार सकती है। इस बात की संभावना है कि उद्धव ठाकरे अपने भतीजे अमित ठाकरे के सामने कोई प्रत्याशी न उतारकर मौन समर्थन दे सकते है। 2019 में वर्ली से आदित्य ठाकरे के सामने राज ठाकरे ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का किसी से गठबंधन नहीं होना बीजेपी के लिए फ़ायदेमंद रहेगा। राज ठाकरे जो भी नुक़सान करेंगे वह उद्धव और एकनाथ शिंदे का ही होगा।
हालाँकि राज ठाकरे अब कोई बड़ी ताक़त नहीं हैं। एक विधायक और 1.75 फ़ीसदी को वोट है लेकिन विधानसभा के बाद होने वाले नगरी निकाय चुनाव में ज़रूर राज ठाकरे का प्रभाव रहेगा। शिवसेना ने पहली सूची में पार्टी के तमाम नेताओं और मंत्रियों के टिकटों का ऐलान कर दिया है। लोकसभा चुनावों में जीतकर सांसद बने रवींद्र वायकर की पत्नी को शिवसेना जोगेश्वरी पूर्व से मैदान में उतारा है। जलगांव की एरंडोल सीट से मौजूदा विधायक चिमनराव पाटिल की जगह उनके बेटे अमोल चिमनराव पाटिल को उम्मीदवार बनाया गया है।
अमरावती लोकसभा सीट पर बीजेपी की नवनीत राणा को हराने में भूमिका निभाने वाले आनंदराव अडसुल के बेटे अभिजीत अडसुल को अमरावती की दरियापुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा की नवनीत राणा भी यहां से चुनाव लड़ना चाहती थी। मंत्री उदय सामंत को रत्नागिरी से, जबकि उनके भाई किरण सामंत को राजापुर से उम्मीदवार बनाया गया है। दिवंगत सेना विधायक अनिल बाबर के बेटे सुहास बाबर को खानापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है।
एकनाथ शिंदे ने कुछ ऐसी सीटों पर भी कैंडिडेट उतारे है,जहां बीजेपी मज़बूत है। बीजेपी ने यह सीटे क्यों दी समझ से परे हैं। महायुति ने अब तक 144 नाम की घोषणा की है। इसमें भाजपा के 99 और शिवसेना (शिंदे गुट) के 45 नाम शामिल हैं।
एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी हैं. सीएम शिंदे अपनी परंपरागत सीट कोपड़ी पाचपाखाडी से चुनाव लड़ेंगे। माहिम सीट पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे के सामने सदानंद सरवणकर को उतारा है. माहिम सीट शिवसेना का गढ़…
— sameer chougaonkar (@semeerc) October 23, 2024
ये फुले-शाहू-अम्बेडकर और गोखले-तिलक-रानाडे-आगरकर की धरती पर हुआ। अकोला में जब श्री यादव भाषण देने आये थे तो उनका माइक छीन लिया।
महाराष्ट्र के अकोला में एक कार्यक्रम के दौरान योगेंद्र यादव पर नाराज भीड़ ने हमला कर दिया। भाषण के बीच ही नाराज 40 से 50 लोग मंच पर चढ़ गए और उन्हें बोलने से रोक दिया। इस दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुई। इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें गुस्साई भीड़ के साथ योगेंद्र यादव उलझते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक्स पर लिखा, ये फुले-शाहू-अम्बेडकर और गोखले-तिलक-रानाडे-आगरकर की धरती पर हुआ।
अकोला में जब श्री यादव भाषण देने आये थे तो उनका माइक छीन लिया, कुर्सियाँ फेंक दीं और धक्का-मुक्की की। क्या उसे अपनी बात सुनने का अधिकार नहीं है? यदि आप नहीं सुनना चाहते तो उसकी बात न सुनें, लेकिन हिंसा क्यों? पता नहीं बाबा साहेब ने इस गुंडागर्दी पर क्या कहा होगा? क्या यही हमारा महाराष्ट्र धर्म है?
आपको बता दें, एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यादव ने उन पर और भारत जोड़ो अभियान के उनके साथियों पर हुए हमले को लोकतंत्र प्रेमियों के लिए गंभीर चिंता बताया। उन्होंने बताया कि जब भीड़ मंच पर चढ़ गई, उस समय हम 'संविधान की रक्षा और हमारे वोट' पर चर्चा कर रहे थे।
And this happened in the land of Phule-Shahu-Ambedkar and of Gokhale-Tilak-Ranade-Agarkar. VBA activists disrupting a meeting of @_YogendraYadav in Akola, snatching away his Mike, throwing chairs and shoving/pushing Mr Yadav when he had come to give a speech. Does he not have… pic.twitter.com/UaOMyvyHuA
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 22, 2024
वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में विश्व में भारत एक बड़ी भूमिका अदा कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए 2 दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचने वाले हैं। ब्रिक्स सम्मेलन के साथ ही पूरी दुनिया की नजर इस बात पर भी टिकी हुई है कि रूस में पीएम मोदी की किन देशों के प्रमुख के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में विश्व में भारत एक बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से लिखा, रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत के अलावा, क्या पीएम मोदी, जो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान से बातचीत के लिए मिल रहे हैं, तेल अवीव और तेहरान के बीच तनाव को शांत करने में भी मदद कर सकते हैं?
पश्चिम तो नहीं, लेकिन इस सदी में हमारा अपना भारत तेजी से एक आधार बनकर उभर सकता है, जिसके इर्द-गिर्द वैश्विक कूटनीति घूम सकती है। संभावनाओं का एक युग इंतज़ार कर रहा है। आपको बता दें, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने रूस के लिए रवाना हो गए हैं।
यहां उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सदस्य देशों के नेताओं से मिलने की उम्मीद है। शी शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स ब्लॉक के अधिक सहयोग के लिए चीन के दृष्टिकोण को स्पष्ट करेंगे।
Apart from interlocuting between Russia and Ukraine, could PM Modi, who is meeting Iranian President Pezeshkian at the BRICS Summit for talks, also serve to calm tensions between Tel Aviv and Teheran?
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) October 22, 2024
Not the West, but in this century, our own Bharat could fast emerge as the…