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सुप्रीम कोर्ट ने वॉट्स ऐप से पूछा ये सवाल...

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने सोमवार को वॉट्स ऐप में प्राइवेसी के हनन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई शुरू की...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago

समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने सोमवार को वॉट्स ऐप में प्राइवेसी के हनन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई शुरू की। वाट्सएप से सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने पूछा कि अपने उपयोगकर्ताओं के डाटा को साझा न करने की अपनी नीति में कंपनी ने बदलाव क्यों किया?

कोर्ट ने यह भी पूछा कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के अधिग्रहण के बाद 2016 से उपयोगकर्ताओं के गुणों को साझा करनी की नीति पर कंपनी क्यों काम कर रही है, जबकि 2012 से लेकर 2015 तक यह निजी कंपनी ऐसा करने से बच रही थी।

इस पांच सदस्यों की बेंच में जस्टिस दीपक मिश्रा, एके सिकरी, अमित्वा रॉय, एएम खानविलकर व मोहन एम शांतनागोदार शामिल हैं। संविधान बेंच के समक्ष वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन ने अपनी दलीलें पेश की। उन्होंने कहा कि यूजर्स का डाटा किसी दूसरे को देना संविधान की धारा 19 (1) और 21 का उल्लंघन है। वॉट्स ऐप ने यूजर्स के साथ एकतरफा समझौते किए हैं। शीर्ष अदालत ने केन्द्र से पूछा कि नियम बनने तक वह उपयोगकर्ताओं के संरक्षण के लिए क्या कदम उठा सकता है?

कंपनी का कहना था कि उपयोगकर्ता के नाम का खुलासा नहीं किया जाता, लेकिन उसकी विशेषताओं के बारे में जानकारी जरूर साझा की जाती है। निजता की नई नीति का बचाव करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि कंपनी को यह तक पता नहीं होता कि दो लोगों के बीच आनलाइन क्या बातें साझा हो रही हैं। यह निशुल्क व स्वैच्छिक है।

कपिल सिब्बल ने बेंच से कहा कि वाट्सएप के करोड़ों उपयोगकर्ता हैं, लेकिन आजतक एक भी शिकायत ऐसी नहीं है जिसमें संदेश के किसी भी हिस्से को साझा करने की बात कही गई हो। अदालत को उस याचिका के बारे में बताया गया जिसमें कर्मन्य सिंह सरीन व श्रेया सेठी ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें वॉट्स ऐप को निजता की नई नीति से पीछे हटने को मंजूरी दे दी गई, लेकिन 25 सितंबर 2016 तक के उपयोगकर्ताओं के डाटा को फेसबुक या फिर किसी अन्य कंपनी से साझा करने पर रोक लगा दी।  


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