3 अक्टूबर को नवरात्रि की शुरुआत ने भारत के प्रिंट इंडस्ट्री को उत्साहित कर दिया है। नेशनल और रीजनल दोनों ही तरह के बड़े दैनिक अखबारों ने विज्ञापनों में भारी उछाल दर्ज किया है।
प्रिंट मीडिया के लिए बुरा दौर संभवतः अब खत्म होने लगा है। ‘टैम एडेक्स’ (TAM AdEx) ने हाल ही में जनवरी से जून 2024 के बीच की अपनी छमाही प्रिंट विज्ञापन रिपोर्ट जारी की।
IRS को फिर से शुरू करने की योजना से प्रकाशकों में उम्मीद जगी है कि इस सर्वे की वापसी से उन्हें अपने विज्ञापन राजस्व में सुधार करने और प्रिंट इंडस्ट्री को मजबूती प्रदान करने में मदद मिल सकती है।
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पलाकुन्नाथु जी मथाई (Palakunnathu G Mathai) के साथ मेरी काफी यादें जुड़ी हुई हैं। वह एक बेहतरीन इंसान थे। वह हमेशा मृदुभाषी, अच्छे व्यवहार वाले लेकिन तीक्ष्ण बुद्धि वाले थे।
'समाचार4मीडिया' के साथ बातचीत में इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी के प्रेजिडेंट राकेश शर्मा ने प्रिंट इंडस्ट्री के सामने आने वाली कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों पर चर्चा की
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (Press Council of India) ने प्रिंट मीडिया से आग्रह किया है कि वे केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) द्वारा हाल ही में जारी सलाह का पालन करें
‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ (INS) का कहना है कि अखबारों की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसे में यदि पांच प्रतिशत कस्टम ड्यूटी हटाई जाती है तो प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री को बहुत राहत मिलेगी।
मीडिया व ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में विज्ञापन खर्च के पूर्वानुमान को लेकर बहुप्रतीक्षित ‘पिच मैडिसन एडवर्टाइजिंग रिपोर्ट’ का अनावरण 15 फरवरी 2024 को मुंबई में किया गया।
प्रिंट, जो कभी मीडिया इंडस्ट्री के सर का ताज थी, पिछले कुछ वर्षों में इसकी चमक धुंधली पड़ चुकी है