जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट से न्यूज पोर्टल ‘कश्मीर वाला’ के एडिटर फहाद शाह को जमानत मिल गई है।
यह भी सच है कि, उन लोगों ने भी सुब्रत रॉय सहारा के लिए बहुत कुछ किया, तभी सुब्रत रॉय इतने बड़े व्यक्ति बन सके।
स्वास्थ्य में गिरावट के कारण 12 नवंबर को सुब्रत रॉय को मुंबई के ‘कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट’ में भर्ती कराया गया था।
देशभर में ‘सहाराश्री’ के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार में हुआ था। वह सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे।
हृदय विदारक यह खबर ‘समाचार4मीडिया’ में पढ़कर दंग रह गया कि सहाराश्री यानी सुब्रत रॉय नहीं रहे। वह एक ऐसे इंसान थे, जिन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया।
सुब्रत रॉय के इशारों पर शासन सत्ता चलती थी। उनकी व्यक्तिगत जिंदगी की कहानियां किवदंती बनकर फैली हुई थीं। पूरा बॉलीवुड, क्रिकेट टीम, बड़े बड़े राजनेता और हर तबके के स्टार नतमस्तक थे।
सहाराश्री आपने एक संपूर्ण जीवन जीया, लोगों की खूब मदद की। कोई भी आपके पास से कभी बिना मदद के खाली नहीं गया।
स्वास्थ्य में गिरावट के कारण 12 नवंबर को उन्हें मुंबई के ‘कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (केडीएएच) में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' की डिबेट में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने अपने विचार व्यक्त किए।
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