वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने उठाया सवाल, एक ही संस्थान में एक समाचार प्रसारण के कितने पैमाने हो सकते हैं?
सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ‘फेसबुक’ समेत कई बड़ी कंपनियों पर पब्लिशर्स का कंटेंट मुफ्त में इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहते हैं
पुलिस ने जांच की बात कहते हुए मामले से पल्ला झाड़ा, एसएसपी ने किया ट्वीट
अनुच्छेद 370 की विदाई कोई आसान काम नहीं था। कमोबेश हर दल इसके पक्ष में था, लेकिन सत्ता में रहते हुए उसे हटाने का साहस कोई नहीं कर पाया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भी पहुंचे, पर कुछ बताए बगैर वे वहां से चले गए
मई 2017 में शुरुआत के बाद से ही व्युअरशिप के मामले में अपने जॉनर में लगातार नंबर वन रहा है यह चैनल
इस माहौल में कुछ अखबारों, चैनलों और उनके एंकर्स-पत्रकारों ने जो भूमिका निभाई है, उनका तहे दिल से शुक्रिया और सलाम! चैनल की नीति के खिलाफ जाकर सच के साथ खड़ा होना कोई आसान नहीं है
जावड़ेकर ने कहा, हम सेंसरशिप में विश्वास नहीं रखते हैं, लेकिन सेल्फ रेगुलेशन होना चाहिए
मूल रूप से इलाहाबाद का रहने वाला पत्रकार दिल्ली में चला रहा है न्यूज पोर्टल