रूढ़िवादी विचारधारा वाले दर्शकों के बीच लोकप्रिय चैनल की रेटिंग तब बढ़ गयी, जब इस महीने तालिबान ने अचानक अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमा लिया।
देश इस समय दुविधा में है। अफगानिस्तान के नए नियंताओं से बात की जाए अथवा नहीं। उनसे संपर्क और संबंध रखे जाएं अथवा नहीं।
इन दिनों अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने हिन्दुस्तानी पत्रकारिता की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। दो दशक से उस खूबसूरत पहाड़ी मुल्क में आजाद ख्याल की अखबारनवीसी पनपी है
भारत में ही कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो तालिबान के हिमायती हैं और उनकी जीत पर खुशी मना रहे हैं।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र के नाम जो संदेश दिया, उसका मुख्य उद्देश्य दुनिया को यह बताना था कि उन्होंने अफगानिस्तान से निकलना क्यों जरूरी समझा।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद फंसे भारतीय नागरिकों को मंगलवार शाम सी-17 ग्लोब मास्टर से हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर सुरक्षित एयरलिफ्ट किया गया।
अफगानिस्तान में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई है। वह अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करते थे।
भारतीय विदेश नीति एक बार फिर चक्रव्यूह में उलझी है। पड़ोसी राष्ट्रों, यूरोप तथा पश्चिमी देशों के साथ संबंधों में जिस तरह के विरोधाभासी हालात बन रहे हैं
देश-दुनिया में पत्रकारों पर हमले की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इस तरह का नया मामला अफगानिस्तान से सामने आया है।
वारदात के दौरान अपनी कार से कहीं जा रही थीं महिला पत्रकार। अभी तक किसी संगठन ने इस वारदात को अंजाम देने की जिम्मेदारी नहीं ली है।