आठ दिसंबर 2017 को तत्कालीन डीएवीपी, फील्ड प्रचार निदेशालय (डीएफपी) और गीत और नाटक प्रभाग (एसएंडडीडी) को एकीकृत करके ‘BOC’ का गठन किया गया था।
सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में इसके बारे में पूरी जानकारी दी है।
सीबीआई का आरोप है कि इन अखबारों को दिए गए विज्ञापनों से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का घाटा हुआ।
सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी कि BOC ने वित्तीय वर्ष 2021 में 12 मार्च तक प्रिंट मीडिया व टीवी चैनलों पर कितने करोड़ रुपए की राशि खर्च की।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने दूसरा महत्वपूर्ण दायित्व भारतीय सूचना सेवा के 1988 बैच के अधिकारी सत्येन्द्र प्रकाश को दिया है।
सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले ‘ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन’ (BOC) ने प्रिंट मीडिया एडवर्टाइजमेंट पॉलिसी पेश की है। ये एक अगस्त से प्रभावी होगी।
नई पॉलिसी के अनुसार, ब्यूरो ऑफ आउटरीच भी नीलामी प्रक्रिया का हिस्सा होगा जो सरकारी संदेशों के लिए इन्वेंट्री अथवा स्पेस को खरीदने को कवर करेगा।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरा देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने अखबार प्रकाशकों को राहत दी है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मोदी सरकार द्वारा 2014 से लेकर 2019 तक विज्ञापनों पर किए गए खर्च को लेकर किए थे सवाल
सूचना-प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन की ओर से इस बारे में एक पत्र भी जारी किया गया है