मीडियाकर्मियों के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैसला लिया है।
मुझे और मेरी पत्नी श्रीमती भूमिका को एक ही दिन बुखार आया। बुखार के साथ खांसी भी तेज थी। जो समय के साथ तेज होती गई।
कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इस महामारी पर विजय पाने में सफल रहे हैं। इन्हीं में वरिष्ठ पत्रकार और ‘टाइम्स नेटवर्क’ की ग्रुप एडिटर नविका कुमार भी शामिल हैं।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर बेहद भयावह रूप ले रही है, जिसके साथ ही यह आए दिन नए रिकॉर्ड भी बना रही है।
जब हम प्रेस स्वतंत्रता की बात करते हैं तो इन दिनों कोरोना काल में जो कुछ घट रहा है, वह हमें आईना दिखाने के लिए बेहतर है।
कोरोनावायरस (कोविड-19) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना का विकराल रूप नियंत्रण में आने की बजाय अधिक विकराल होता जा रहा है।
पत्रकारों पर कोरोना काल कहर बनकर टूटा है। अपने फर्ज को अंजाम देते हमारे अनेक साथी शहीद हुए हैं।
मेहतनकश की दुनिया को सलाम करता एक मई। वह एक मई जिसे हम श्रमिक दिवस के रूप में जानते हैं।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना का प्रचंड रूप नियंत्रण में आने की बजाय हर रोज और अधिक विकराल होता जा रहा है।
असम के वरिष्ठ पत्रकार दंपती, जोकि दिल्ली में रहकर अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे थे, अब नहीं रहे। कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से दोनों का निधन हो गया।