मिलों के कामकाज पर महामारी के दुष्प्रभाव के कारण अखबारी कागज की लागत अब बढ़कर 1000 डॉलर प्रति टन हो गई है और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयात में बाधा आ रही है।
हालांकि इक्का-दुक्का चैनलों की बेहतर कवरेज को मैं अपवाद मानता हूं। इन चैनलों के कुछ संवाददाताओं ने जान जोखिम में डालकर अच्छी रिपोर्टिंग का नमूना पेश किया है।
‘टीवी9 भारतवर्ष’ के मैनेजिंग एडिटर संत प्रसाद ने बताया कि चैनल पहले भी इस तरह के बड़े और दूरदर्शी फैसले लेता रहा है, जिसे बाकी मीडिया ने फॉलो किया है।
इन दिनों रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। देश-विदेश के तमाम न्यूज चैनल्स प्रमुखता से इसकी कवरेज में लगे हुए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर विवाद जल्द खत्म नहीं हुआ तो अखबारी कागज की कीमतें और बढ़ सकती हैं
यूक्रेन और रूस के बीच जंग का आज पांचवां दिन है। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे तमाम देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंधों की घोषणा की है।
मां सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि वो एक भाव है जो ईश्वर से जुड़ने का जरिया बनता है लेकिन आज कलियुग के इस दौर में मां शब्द की महत्ता कम हो गई है।
मार्ग्रेट थैचर हों या जॉन मेजर या वर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन या अमेरिकी राष्ट्रपति, सुरक्षा के मामलों में हमेशा गोपनीयता रखते हैं।