रैलियों में कितनी ही भीड़ इकट्ठी कर ली जाए, लेकिन क्षेत्रीय नेता जमीन पर यदि काम ना कर पाएं तो चुनाव जीतना आसान नहीं होता।
बीजेपी हाल तक कर्नाटक में सरकार चला रही थी और अभी पुड्डेचरी में गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी विश्वसनीयता की अग्नि परीक्षा में तप कर खरे निकले हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जनता का भरोसा हासिल किया है।
इन विधानसभा चुनावों के बाद लोकसभा चुनाव की बारी है। इस दृष्टि से मौजूदा नतीजे और महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
डीके शिवकुमार भी लगातार सीएम पद के लिए कोशिश करते रहे लेकिन वो रेस में पीछे छूट गए।
चाहे हिमाचल हो या कर्नाटक, दोनों ही राज्यों में प्रियंका गांधी काफी सक्रिय रही हैं।
दरअसल कर्नाटक चुनाव को लेकर अधिकतर एग्जिट पोल ने पहले ही कांग्रेस की सरकार बनने का दावा कर दिया था।
बीजेपी दावें कर रही थी कि उसे कम से कम 150 सीट प्राप्त होगी लेकिन बीजेपी 80 सीट के अंदर सिमटती हुई दिखाई दे रही है।
त्रिपुरा-नागालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत का श्रेय बीजेपी कार्यकर्ताओं को दिया।
दिल्ली महापौर शैली ने कहा, 'MCD के सिविक सेंटर में जितना नुकसान हुआ है, उसका खर्चा वीडियो फुटेज देखकर वसूला जाएगा।