लखनऊ की एक अदालत ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को 17 दिसंबर को गवाहों को पेश करने के लिए कहा है।
उत्तर प्रदेश स्थित हाई कोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने पत्रकार सुबोध श्रीवास्तव की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
ये शिकायतें पुलिस आयुक्त की निगरानी में रहेंगी और शिकायतकर्ता का नाम व फोन नंबर गोपनीय रखा जाएगा।
समाचार4मीडिया से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार अभिज्ञान प्रकाश ने बताया कि न तो यह किताब राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर है और न ही इसका प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों से कोई लेना-देना है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों की पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की मीडिया मुरीद हो गई है
जल्द ही आगरा, बनारस, मेरठ, देहरादून और हल्द्वानी में भी इस तरह के आयोजन किए जाएंगे
नौ अप्रैल की दोपहर देश की हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में यादगार दोपहर बन गई