शो के एंकर दीपक चौरसिया ने बीजेपी प्रवक्ता के.के. शर्मा से सवाल पूछा कि क्या आप ओवैसी की इस आलोचना से सहमत हैं?
जैसे मानसून की पहली झमाझम बरसात होती है ठीक उसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण भी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले झमाझम भाषण है
अमेरिका जैसे देश का पूर्व राष्ट्रपति अगर भारत के टूटने या खंडित होने की बात करता है तो इसे बड़ा बयान माना जायेगा।
राहुल गांधी और उनकी समर्थक देशी-विदशी टोलियों ने पिछले महीनों के दौरान भारत में लोकतंत्र खत्म होने, मीडिया के दमन, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की मातमी धुन के कुप्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया।
इसी बीच न्यूयॉर्क का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति तिरंगे को पैरों से कुचलता हुआ दिखाई दे रहा है।
अमिश देवगन ने अपने शो में कहा कि यह कैसा इत्तेफाक है कि पश्चिम बंगाल में जब भी कोई चुनाव आता है तो वहां बमबाजी, हिंसा, हत्याएं होने लगती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क की ये मुलाकात कई कारणों से अहम है। भारत की दृष्टि से देखें तो पिछले कुछ सालों से इलेक्ट्रिक कारों को लेकर भारत का फोकस बढ़ा है।
आप कृपया इस शीर्षक से चौंकिए नहीं और न ही इसे प्रशंसा की अतिशयोक्ति समझें। मैं तथ्य के आधार पर भारतीयों का ध्यान दिलाना चाहता हूं।
नवंबर 2020 में भारत सरकार ने देश में तीन कृषि कानून लागू किए थे। हालांकि कानून लागू होने के साथ ही उनका विरोध भी शुरू हो गया।