रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच रूस के एक बड़े पत्रकार यूक्रेन के समर्थन में उतर आए हैं।
कोई भी साम्यवादी देश या अप्रजातांत्रिक देश किसी का सगा नहीं हो सकता। नाटो विश्व शांति के लिए कभी खतरा नहीं, बल्कि शांति के लिए आवश्यक है।
रूसी रेडियो स्टेशन के हैक होने से मॉस्को में हड़कंप मच गया। हैकर्स ने रेडियो स्टेशन के जरिए पूरे रूस में यूक्रेन के राष्ट्रगान का प्रसारण भी करवाया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 100 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक इस युद्ध को लेकर कोई हल नहीं निकल पाया है और रूस यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है।
यूक्रेन में युद्ध को कवर करते हुए एक फ्रांसीसी पत्रकार की मौत हो गई।
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सूचना प्रसारण मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि कानून का उल्लंघन किए जाने पर केंद्र उस चैनल या कार्यक्रम के प्रसारण को 'विनियमित या प्रतिबंधित' कर सकता है।
मिलों के कामकाज पर महामारी के दुष्प्रभाव के कारण अखबारी कागज की लागत अब बढ़कर 1000 डॉलर प्रति टन हो गई है और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयात में बाधा आ रही है।
हालांकि इक्का-दुक्का चैनलों की बेहतर कवरेज को मैं अपवाद मानता हूं। इन चैनलों के कुछ संवाददाताओं ने जान जोखिम में डालकर अच्छी रिपोर्टिंग का नमूना पेश किया है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों की ओर से भारी गोलाबारी जारी है। यूक्रेनी अधिकारियों ने पत्रकार की मौत के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है।